जावेद अख्तर और सुब्रमण्यम स्वामी अक्सर भारतीय राजनीति और सामाजिक मुद्दों पर सोशल मीडिया और टीवी चैनलों पर अपनी बात मुखरता से रखते हैं। दोनों के बीच अब ट्विटर वार शुरू हो गया है। जावेद अख्तर ने ट्वाट किया है, “स्वामी के मंदबुद्धि प्रशंसक मुझपर कुछ मुल्लाओं को बचाने का आरोप लगा रहे हैं। मेरी सलाह है कि पहले किसी को भी निष्पक्षता के साथ मेरे मैसेज पढ़ना चाहिए। खैर, मिस्टर स्वामी क्या कभी आपने मुझे डराने की कोशिश नहीं की? यह काम नहीं करेगा। मैं दोहरा रहा हूं कि आपको हार्वर्ड से निकाला गया था। अब जाइए और पतंग उड़ाइए।”
Swamy s low IQ fans blaming me for defending some Mullas . I suggest any one with an iota of objectivity should read my message n decide . Btw Mr swami don’t you ever try to intimidate me . It won’t work . here I repeat you were kicked out Harvard . Now go fly a kite
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) March 15, 2020
दरअसल, 14 मार्च को दोनों के बीच झगड़ा तब शुरू हुआ, जब स्वामी ने ऑस्ट्रिया में 7 मस्जिदों को बंद किए जाने और 60 इमामों को निकाले जाने की खबर शेयर की। जबकि वह खबर जून 2018 की है। स्वामी ने खबर का लिंक शेयर करते हुए लिखा, “ऑस्ट्रिया ने 7 मस्जिदों को बंद किया और 60 इमामों को बाहर निकाल दिया।”
Austria is closing 7 mosques and kicking out 60 imams https://t.co/fOjh2TRPTA via @voxdotcom PTs pl check
— Subramanian Swamy (@Swamy39) March 14, 2020
इसका जवाब देते जावेद अख्तर ने लिखा, “ठीक वैसे ही, जैसे कि आपको हार्वर्ड से निकाला गया था। आप इसी लायक हैं और मैं इन इमामों को लेकर भी श्योर हूं। आप सभी एक ही डाल के पंछी हैं। आप सभी नफरत फैलाने के लिए पंख फैलाते हैं।”
Like you were kicked out from Harvard ? You deserved it and I am sure so do these Imams . You all are the birds of the same feathers . You all spread wings to spread hate .
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) March 14, 2020
उसके बाद स्वामी ने जावेद अख्तर को प्रतिक्रया देते हुए लिखा, “क्या मेरे पास ऐसे इंसान को जवाब देने का कोई भी कारण है, जो जेट एयरवेज में डी-गैंग के हितों का प्रतिनिधित्व करता है और इसके पतन को देखता है। किस योग्यता के आधार पर उन्हें जेट के बोर्ड में रखा गया था। जेट एतिहाद डील पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही मेरी जनहित याचिका (रिट पिटीशन नंबर 888/13) की सुनवाई के निष्कर्ष का इंतजार करें।”
Is there any reason for me to reply to someone who represented D gang’s interests in Jet Airways and oversaw its collapse? With what qualification did he get on Jet’s Board ? Wait for conclusion of my ongoing PIL on Jet – Etihad deal in WP No. 888 of 2013 in SC
— Subramanian Swamy (@Swamy39) March 14, 2020
गौरतलब है कि 2013 में स्वामी ने सवाल उठाया था कि जेट एयरवेज के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में जावेद अख्तर जैसे कॉलमिस्ट को शामिल करने का क्या मतलब? फाइनेंस के लिए शायरी पढ़ना। बता दें कि जावेद अख्तर 22 मार्च 2010- 21 मार्च 2016 तक नॉमिनेटेड राज्यसभा सदस्य थे। उनके उसी कार्यकाल के दौरान उन्हें जेट एयरवेज के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में शामिल किया गया था।