हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता चौधरी भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने बीजेपी सरकार पर आरोप लगाया है कि उसने प्रदेश को कर्ज में डूबो दिया है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि बीजेपी और जेजेपी गठबंधन वाली सरकार ने हरियाणा को कर्ज में धकेल दिया है। उन्होंने आगे कहा कि पहले हरियाणा पूरे देश में समृद्ध राज्यों की सूची में आता था। लेकिन अब प्रदेश सरकार पर 1.98 लाख करोड़ का कर्ज है।
हुड्डा ने कहा कि आज हरियाणा में जन्म लेने वाला बच्चा अपने ऊपर 80 हजार रुपये का कर्ज लेकर पैदा होता है। हाल के दिनों में हरियाणा सरकार ने अपना बजट पेश किया था। पूर्व सीएम ने कहा कि विधानसभा में बजट के समय उन्हें बोलने का मौका नहीं मिला, इसलिए वह अपनी बात मीडिया के जरिए कह रहे है। सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश पर जो 1.98 लाख करोड़ का कर्ज है उसके बारे में मनोहर लाल सरकार श्वेत पत्र जारी करें। ताकि आम जनता को भी पता चले कि 6 साल में इतना कर्ज कहा खर्च किया गया।
उन्होंने कहा कि 2013-14 में प्रदेश सरकार पर 60,300 करोड़ का कर्ज था, मगर इस साल पेश किए बजट में 1.98 लाख करोड़ का खर्च दिखाया गया है। मीडिया से बातचीत करते हुए पूर्व सीएम ने कहा कि हरियाणा की गिनती पहले समृद्ध प्रदेशों में होती थी, मगर अब कर्जवान राज्यों में होती है। इसके बाद उन्होंने कहा कि 2016-17 में कुल खर्च का 18.51 प्रतिशत हिस्सा कर्ज लौटाने में जाता था, अब यह 28.61 फीसदी हो चुका है। अब सरकार के पास पूंजीगत निवेश के लिए बजट नहीं है।
एक पुरानी कहावत के साथ सरकार पर व्यंग्य करते हुए हुड्डा ने कहा कि पगड़ी गिरवी रखकर कर्ज नहीं लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ‘कर्ज लो घी पियो’ की नीति अपना रही है। हरियाणा की इंडस्ट्रियल ग्रोथ रेट भी कम हो रही है। यही वजह है कि प्रदेश में बेरोजगारी दर 28 फीसद पर पहुंच गई है। जब हुड्डा से बीजेपी सरकार के 6 साल के कार्यकाल के बारें में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पिछले 6 साल में कोई भी नई योजना हरियाणा में नहीं आई। रेलवे लाइन, मेट्रो लाइन, यूनिवर्सिटी या कोई अन्य संस्थान खोलने के लिए सरकार की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया। एक भी नया मेडिकल कॉलेज नहीं खुला है।