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गुजरात से मुस्लिम मुक्त होती राजनीति!  

गुजरात विधानसभा चुनावों का ऐलान हो चुका है।पहले चरण में 89 सीटों पर 1 दिसंबर, तो दूसरे चरण में 93 सीटों पर 5 दिसंबर को मतदान होगा, जबकि गुजरात चुनाव के नतीजे हिमाचल प्रदेश के साथ 8 दिसंबर को आएंगे। ऐसे में देखना है कि भाजपा अपना सियासी वर्चस्व बनाए रखने में कामयाब हो पाती है या कांग्रेस की वापसी होगी या फिर आम आदमी पार्टी के सिर ताज सजता है।

 

इन सबके बावजूद एक अहम बात तो यह है कि इस विधानसभा चुनाव में भाजपा ने एक भी मुस्लिम प्रत्याशी को चुनावी मैदान में नहीं उतरा है,बल्कि गुजरात में 34 विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं जहां मुस्लिम मतदाताओं की आबादी 15 फीसदी से अधिक है। यह स्थिति  पिछले दो दशक से बनी हुई है कि कोई भी पार्टी मुसलमानों को आबादी के हिसाब से टिकट नहीं देती है। इस बार तो अब तक जारी उम्मीदवारों की सूची में भाजपा ने एक भी मुस्लिम को टिकट नहीं दिया है,जबकि कांग्रेस ने अब तक जारी 140 उम्मीदवारों की सूची में केवल 6 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया है। आम आदमी पार्टी की बात की जाए तो उसकी 157 उम्मीदवारों की सूची में सिर्फ 2 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है। दोनों प्रमुख राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस ‘जीतने की क्षमता’ का हवाला देते हुए टिकट वितरण करती है, लेकिन टिकट वितरण करते समय दिखता नहीं है।
गुजरात में पिछले पिछले चार दशकों में सबसे ज्यादा संख्या में कांग्रेस ने 1980 के दशक में 17 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया था। उस समय कांग्रेस के दिग्गज नेता माधवसिंघ सोलंकी ने सवर्ण ,ओबीसी, हरिजन, आदिवासी और मुसलमान समीकरण बिठाया था, जिसका लाभ पार्टी को मिला और 12 मुस्लिम उम्मीदवार जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। हालांकि 1985 में कांग्रेस ने इसी फॉर्मूला को आगे बढ़ाते हुए मुस्लिम उम्मीदवारों की संख्या 11 कर दी और 8 मुस्लिम उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी।

देश में जब 1990 के दशक में राम मंदिर का आंदोलन शुरू हुआ तब हिंदुत्व राजनीति करने वाली भाजपा और उसकी सहयोगी जनता दल ने एक भी मुस्लिम उम्मीदवार नहीं उतारा था। कांग्रेस ने 11 मुस्लिम उम्मीदवार उतारा जिनमें 2 पर ही जीत हासिल कर पाए थे। 1995 के चुनाव में कांग्रेस के सभी 10 उम्मीदवार चुनाव हार गए थे। गोधरा कांड और उसके बाद भड़के दंगों के कारण वोटों का ध्रुवीकरण बहुत तेजी से हुआ और कांग्रेस ने 2002 में सिर्फ 5 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया था। उसके बाद से कांग्रेस 6 से अधिक सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार नहीं उतारती है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक,पिछले दिनों गुजरात में हुए एक सर्वे में यह दावा किया गया कि राज्य के 47 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता कांग्रेस के समर्थन में हैं,जबकि आम आदमी पार्टी को पसंद करने वाले मुस्लिम वोटरों की संख्या करीब 25 फीसदी है। एआईएमआईएम के साथ सिर्फ नौ प्रतिशत मुस्लिम वोटर हैं वहीं भाजपा के साथ 19 फीसदी मुस्लिम वोटर हैं। गुजरात के 33 जिलों की कुल 182 सीटों पर चुनाव के लिए 4.90 करोड़ पात्र मतदाता हैं।

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