यहां एक तरफ पूरा देश होली के रंगों में रंगा हुआ था, उसी दिन यानी 29 मार्च को बिहार के मधुबनी जिले के थाना बेनीपट्टी के मोहम्मदपुर गांव में एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने इस हत्याकांड को आपसी रंजिश बताया। इस हत्याकांड में 35 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है खबर लिखे जाने तक 11 अभियुक्तों को ही पुलिस ने गिरफ्तार किया हैं। लेकिन मुख्य आरोपी अभी भी पुलिस के शिकंजे से दूर है। अब इन हत्याओं पर राजनीति शुरु हो गई है।
तेजस्वी यादव ने हत्याकांड को नरसंहार करार दिया।
बिहार में विपक्षी नेता तेजस्वी यादव मंगलवार 6 अप्रैल को पीड़ित के परिवार वालों से मिलने पहुंचे। जहां उन्होंने इस हत्याकांड को नरसंहार बताया। उन्होंने पुलिस और भाजपा सरकार के विधायकों पर अभियुक्त को संरक्षण देने का आरोप लगाया। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि आज मधुबनी नरसंहार पीड़ितों का दुःख-दर्द साँझा कर 6 लाख की आर्थिक मदद की।यह नरसंहार पूर्ण रूप से सत्ता संरक्षित और प्रायोजित है। नरसंहार में नामजद एक भी अभियुक्त की अभी तक गिरफ़्तारी क्यों नहीं हुई है?पुलिस दोषियों को गिरफ़्तार करने की बजाय उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुँचा रही है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि मैंने पहले ही कहा था,नीतीश जी थक चुके है। उनसे बिहार नहीं संभल रहा।चुनाव हार अपमानित होकर भी मुख्यमंत्री बने हुए हैं। चलो लोकलाज और नैतिकता त्याग अनुकंपा पर मुख्यमंत्री बन ही गए लेकिन कम से कम अब तो अपने संवैधानिक कर्तव्यों का निर्वहन किजीए। सीएम कुर्सी बचाने के अलावा क्या कर रहे है? बिहार की गलियों और सड़कों में खून बह रहा है। चहुँओर हत्या, लूट, डकैती, बलात्कार और नरसंहार हो रहा है। आदरणीय नीतीश कुमार ने जो नैतिकता और अंतरात्मा बेची है वो अपराधियों ने बोली लगा ख़रीद ली है। इसलिए बिहार में अपराधियों की मौज बहार है क्योंकि यहाँ नीतीश कुमार हैं। इतना ही नहीं उन्होंने पीड़ित परिवार वालों को नौकरी देने की बात कहीं।
क्या था मामला?
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यह मामला आपसी रंजिश का है। यह रंजिश एक मठ को लेकर है। इस मठ पर एक मंहत का कब्जा था। पुलिस द्दारा दी गई जानकारी के मुताबिक इससे पहले नंवबर में मठ की जमीन पर बने पोखरों में मछली पकड़ने को लेकर भी दोनों पक्षों में विवाद हुआ था। वह मामला बेनपट्टी के थाना में एससी/एसटी एक्ट के तहत दर्ज है। उस मामले में एक अभियुक्त अभी भी जेल में बंद है। बीबीसी से बात करते हुए मधुबनी के एसपी सत्य प्रकाश ने बताया कि अभी तक की जाँच में पता चला है कि यह हत्याकांड पोखर से मछली पकड़ने को लेकर हुई मारपीट का नतीजा है। घटनास्थल से कुल पाँच बाइक, गोली के आठ खोखे, एक मोबाइल, ख़ून लगे लोहे के दो रॉड और ख़ून लगी मिट्टी बरामद की गई है। फोरेंसिक जाँच से सब कुछ साफ़ हो जाएगा।”
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सीपीआई (एमएल) के राज्य सचिव कॉमरेड कुणाल कहते हैं, “हमने अपनी जाँच में पाया है कि अभियुक्त पक्ष के लोगों ने महंत के बेटे की गुमटी से गुटखा ख़रीदा, लेकिन पैसे देने से इंकार कर दिया। इस बात पर लड़ाई हुई। इसके थोड़ी देर बाद अभियुक्तों की ओर से दो दर्जन से अधिक हथियारबंद अपराधियों ने महंत के परिजनों पर हमला कर दिया।” पीडितों के परिवार के मुखिया सुरेंद सिंह ने बीबीसी से फ़ोन पर बताया, “मेरे तीन बेटों को गोलियों से भून दिया गया। एक बेटा ज़िंदा इसलिए बच गया क्योंकि वह जेल में है। अगर मैं भी वहां रहता तो वे लोग मुझे भी मार देते। वे लोग पूरी तैयारी के साथ यहां आए थे।” इस हत्याकांड में 35 लोगों का नामजद किया गया है। लेकिन मुख्य अभियुक्त प्रवीण झा और नवीन झा अभी तक पुलिस के गिरफ्त से बाहर है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने कहा कि घटना की जांच करवाई जा रही है। स्पीडी ट्रायल चलाकर इसकी सुनवाई होगी। उन्होंने दावा किया है कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।