कुछ ही महीनों के भीतर उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके लिए सभी राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है। अभी चुनावों की तारीखों का एलान नहीं हुआ है, लेकिन जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे चुनावी राज्यों के साथ देश की राजनीति भी गरमाने लगी है। पांच चुनावी राज्यों में उत्तर प्रदेश सबसे अहम राज्य है। इसलिए सबकी निगाहें उत्तर- प्रदेश पर टिकी हुई हैं। पिछले दस महीने से चल रहे किसान आंदोलन और लखीमपुर खीरी घटना ने उत्तर प्रदेश सहित देशभर की राजनीति गरमा दी है। सभी राजनीतिक दल इसे अपने पक्ष में भुनाने में जुटे हैं।
राजनीतिक पार्टियों का लखीमपुर खीरी जाना और हिंसा में मारे गए किसानों के परिवारों को आर्थिक मदद का एलान करना इस ओर इशारा करता है कि लखीमपुर राजनीति का नया सियासी अखाड़ा बनने जा रहा है। यहां हर सियासी पार्टी इसके जरिए अपनी रणनीति को धार देने में लग गई है।दरअसल , उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में गाड़ी से कुचलकर मारे गए किसानों के परिवारों के लिए पंजाब और छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने भी आर्थिक मदद का ऐलान किया है। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसानों के साथ एकजुटता जाहिर करते हुए कहा कि मृतकों के परिवारों को 50-50 लाख रुपए पंजाब और छत्तीसगढ़ सरकार देगी । उन्होंने घटना की कवरेज के दौरान मारे गए पत्रकार के परिवार को भी 50-50 लाख रुपए देने की बात कही है। दोनों राज्य मारे गए किसानों और पत्रकार के परिवार को कुल 1 करोड़ रुपए की सहायता देंगे।

लखीमपुर खीरी में पीड़ित परिवारों से मिलने पहुंचे राहुल गांधी
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ लखीमपुर खीरी में पीड़ित परिवारों से मिलने के लिए लखनऊ पहुंचे चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा, ‘हम मारे गए किसानों के परिवारों के साथ हैं। पंजाब सरकार पत्रकार सहित मारे गए किसान के परिवारों को सहायता राशि देगी।
चन्नी के साथ छत्तीसगढ़ के मुख़्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी किसानों के लिए आर्थिक मदद का एलान किया। उन्होंने कहा, ‘छत्तीसगढ़ सरकार भी हिंसा में मारे गए किसानों और पत्रकार के परिवारों कोसहायता राशि देगी। ‘गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया क्षेत्र में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पैतृक गांवमें आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेना था। कुछ किसान इसका विरोध कर रहे थे। जिस कारण हिंसा भड़क गई और उसमें किसानों समेत 8 लोगों की मौत हो गई थी। चार किसानों के अलावा तीन बीजेपी कार्यकर्ता और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के ड्राइवर की भी मौत हो गई थी। इस दौरान घायल हुए पत्रकार रमन कश्यप ने भी अगले दिन दम तोड़ दिया था। इस मामले में मिश्रा के बेटे आशीष समेत कई लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
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इससे पहले भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत की मध्यस्थता से किसानों और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच समझौता हो गया। एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि घटना में मारे गए किसानों के परिवारजन को सरकार की ओर से 45-45 लाख रुपये की धनराशि , परिवार के एक सदस्य को सरकार नौकरी देगी। वहीं घायलों को 10-10 लाख रुपये मुआवजे के तौर पर दिए जाएंगे। इसके अलावा पूरे मामले की उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश से घटना की जांच कराई जाएगी। प्रथम सूचना दर्ज आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा।