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ननों के साथ हुए दुर्व्यवहार को लेकर गरमाई राजनीति

झांसी में केरल की नन के साथ हुए दुर्व्यवहार का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। मामले के तूल पकड़ने के पीछे मुख्य वजह केरल में हो रहा विधानसभा चुनाव है। चुनाव के कारण ही इस मामले में बड़े-बड़े नेता कूद पड़े है। मामला इतना ज्यादा गर्मा गया कि खुद गृहमंत्री ने आकर मामले पर बयान दिया। वहीं इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा गांधी ने आरएसएस को कोसा है। पिछले सप्ताह 19 मार्च को केरल की दो नन दो अन्य महिलाओं के साथ ओडिशा के राउलकेला जा रही थी। उत्कल एक्सप्रेस ट्रेन के दूसरे कोच में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता झांसी जा रहे थे।

भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने धर्मांतरण के संदेह में रेलवे हेल्पलाइन पर यह सूचना दी। इतना ही नहीं उन्होंने झांसी में अपने संगठन के कार्यकर्ताओं को सूचित कर एकत्रित होने के लिए कहा। आरपीएफ से सूचना मिलने के बाद जीआरपी ने दो नन और अन्य दो महिलाओं को झांसी में ट्रेन से उतारकर पूछताछ करने लगे। लेकिन जांच के बाद धर्मांतरण की बात गलत साबित हुई और उन्हें छोड़ दिया गया। जीआरपी के डीएसपी नईम खान का कहना है कि “जांच के बाद चारों महिलाओं को छोड़ दिया गया है। नईम खान ने बताया कि एबीवीपी के अजय तिवारी ने इस मामले पर हमें लिखित में शिकायत दी थी। पूछताछ के बाद हमें पता चला कि दो महिलाएं ओडिशा के राउलकेला की रहने वाली थी, और वह दीक्षा ले रही थी। जब हमने दोनों के प्रमाण पत्र जांचे तो पता चला कि दोनों जन्म से ही ईसाई है। किसी महिला के साथ दुर्व्यवहार नहीं किया गया।” हालांकि किसी भी व्यक्ति को भारत में कही भी घूमने फिरने की आजादी है वह चाहे किसी भी धर्म से संबंध रखता हो। भारतीय संविधान ने सभी को एक सम्मान अधिकार दिए है।

लेकिन अब इस मामले पर राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने इस मामले को लेकर आरएसएस पर निशाना साधा है। ट्वविटर पर ट्वीट कर राहुल गांधी ने कहा कि “केरल के ननों पर यूपी में हमला संघ परिवार द्वारा एक समुदाय को दूसरे के खिलाफ खड़ा करने और अल्पसंख्यकों को रौंदने के लिए चलाए गए दुष्प्रचार का परिणाम है। हमारे लिए एक राष्ट्र के रूप में आत्मनिरीक्षण करने और ऐसी विभाजनकारी ताकतों को हराने के लिए सुधारात्मक कदम उठाने का समय।”

वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मामले को लेकर अमित शाह पर निशाना साधा है। राहुल गांधी के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए प्रियंका ने एक वीडियो भी शेयर किया है। उन्होंने रीट्वीट करते हुए कहा कि और अब जबकि केरल में चुनाव होना है। अमितशाह नन को उत्पीड़न से बचाने के बारे में खोखले बयान देने में व्यस्त है। वास्तव में?।” इतना ही नहीं उन्होंने अपने दूसरे ट्वीट में कहा कि “कौन सी राजनीतिक पार्टी सरकार चलाती है जो इन गुंडों को परेशान करने और ट्रेन में आने वाली युवा महिलाओं के व्यक्तिगत विवरण की मांग करने में सक्षम बनाती है? इन गुंडों का संबंध किस राजनीतिक दल से है? भाजपा किस पार्टी की छात्र शाखा है, जिसके कुछ सदस्य हैं?।

केरल के पूर्व मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने इस मामले पर गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा। पत्र में उन्होंने कहा कि “ऐसी घटनाओं से देश की छवि और धार्मिक सहिण्णुता की प्राचीन परंपरा को नुकसान होता है। उन्होंने आगे कहा कि ऐसी घटनाओं की केंद्र की तरफ से कड़ी निंदा की जानी चाहिए। मैं अधिकारियों को ऐसे सभी लोगों और समूहों पर सख़्त कार्रवाई करने का निर्देश देने के लिए आपके दख़ल का अनुरोध करूंगा, जो संविधान की ओर से दी गई व्यक्तिगत अधिकारों की स्वतंत्रता को बाधित करते हैं।” केरल में अपनी एक रैली के दौरान जब गृहमंत्री अमित शाह से इस मामले के बारें में पूछा गया तो उन्होंने सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया और जीआरपी से तत्काल पूरी रिपोर्ट तलब की।

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