पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी के पिछले साल विधानसभा चुनावों से लगातार टकराव जारी है। जो थमने का नाम नहीं ले रहा है। यह टकराव कल 27 फरवरी को 107 नगर पालिकाओं के लिए हुए चुनाव के दौरान भी देखने को मिला है। इस चुनावी प्रक्रिया को ‘लोकतंत्र का मजाक’ करार देने वाली विपक्षी भाजपा ने हिंसा के विरोध में आज 28 फरवरी को 12 घंटे बंद का बुलाया है। तृणमूल कांग्रेस ने आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि विपक्षी दल हार को भांपते हुए बहाने खोजने की कोशिश कर रहे हैं।
भाजपा की बंगाल यूनिट ने राज्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर इन क्षेत्रों में कानून-व्यवस्था की पूरी तरह से विफलता का हवाला देते हुए चुनावों को अमान्य घोषित करने की मांग की। पत्र में कहा गया, “जैसा कि आप जानते हैं, पश्चिम बंगाल ने 27 फरवरी, 2022 को मतदान करने वाली सभी नगर पालिकाओं में अभूतपूर्व हिंसा, हमले, आगजनी ,कानून व्यवस्था तंत्र की पूर्ण विफलता देखी। हिंसा को गुंडों, असामाजिक और द्वारा फैलाया गया था। इस हिंसा में सत्तारूढ़ अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (एआईटीसी) के कार्यकर्ताओं के साथ-साथ चुनाव अधिकारियों सहित राज्य पुलिस और प्रशासन की सक्रिय भागीदारी है। इन चुनावों को अमान्य घोषित किया जाए।”
मतदान नहीं बल्कि लोकतंत्र का मजाक
प्रदेश भाजपा प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा, ”आज जो हुआ, वह मतदान नहीं बल्कि लोकतंत्र का मजाक था।” उन्होंने कहा कि दक्षिण से उत्तर बंगाल की हर नगरपालिका में सत्ताधारी दल के गुंडों द्वारा चुनावों को तमाशा बना दिया गया, इसलिए 28 फरवरी को इसके विरोध में 12 घंटे के बंगाल बंद का आह्वान किया गया है।
पश्चिम बंगाल के डीजीपी मनोज मालवीय ने कहा कि मतदान शांतिपूर्ण रहा और इस दौरान ‘किसी की मौत या गोली चलने’ की कोई खबर नहीं है। मालवीय ने कहा कि कुछ छिटपुट घटनाएं हुई हैं और पुलिस ने हिंसा के सभी मामलों में कार्रवाई की है। हालांकि उत्तर से दक्षिण तक बंगाल के विभिन्न हिस्सों में व्यापक हिंसा, धांधली की घटनाएं और पुलिस के साथ झड़पें की खबरें हैं।
राज्यपाल ने राज्य चुनाव आयुक्त को किया तलब
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने राज्य चुनाव आयुक्त सौरव दास को स्थिति से अवगत कराने के लिए तलब किया है। उत्तरी दिनाजपुर जिले के दलखोला क्षेत्र में तृणमूल समर्थकों द्वारा धांधली के आरोपों को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ता पुलिस के साथ भिड़ गए। उन्होंने सड़कों को अवरुद्ध कर दिया और पुलिस अधिकारियों पर पथराव किया, जिसके बाद पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया।