देश में चौथे लॉकडाउन के शुरू होने से पहले ही प्रवासी मजदूरों की मौत पर पूरे देश में बहस शुरू हो गई है। खासकर राजनीतिक दलों में एक दूसरे को लेकर आरोप-प्रत्यारोप चल रहे हैं। कल जब से औरैया में 25 मजदूरों की मौत हुई है तब से उत्तर प्रदेश में मजदूरों को लेकर हर कोई राजनीतिक दल बयान बाजी कर रहा है।
इसी दौरान जहां प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी एसडीएम को आदेश दे दिए हैं कि अगर उनके क्षेत्र में कोई भी मजदूर सड़क पर चलता दिखाई दिया तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यही नहीं बल्कि प्रदेश के सीएम ने दूसरे राज्यों के बॉर्डर से यूपी में घुसने वाले प्रवासी मजदूरों पर भी पूरी तरह बैन लगा दिया है।
इसी के साथ कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने मजदूर हित की बात करते हुए उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ से 1000 बस प्रवासी मजदूरों को घर पर पहुंचाने के लिए चलवाने की स्वीकृति मांगी है। इस पर राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है।
गौरतलब है कि लॉकडाउन का सबसे बुरा असर गरीब मजदूरों और कामगारों पर पड़ रहा है। काम बंद हो गया, जेब खाली हो गईं। हजारों-लाखों की संख्या में ये श्रमिक अपने घरों की ओर लौटने को मजबूर हैं। इस दौरान ये लोग सड़क दुर्घटनाओं का भी शिकार हो रहे हैं। इन्हीं घटनाओं को लेकर बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने मांग की है कि केंद्र और राज्य की सरकारें इस स्थिति से निपटने के लिए कारगर व्यवस्था तत्काल लागू करें।
मायावती ने इस मामले में ट्वीट किया और कहा कि देश की सड़कों पर घर वापसी करते लुटे/लाचार लाखों प्रवासी मजदूर व उनके बिलकते परिवारों की भूख, बदहाली और रास्ते में हो रही मौतों के टीवी दृश्य हृदयविदारक व अति-दुःखद ऐसे में केन्द्र/राज्य सरकारों द्वारा आज की उनकी जिन्दगी-मौत की लड़ाई से निपटने के लिए कारगर व्यवस्था तत्काल लागू हो।”
उधर, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी सरकार को घेरते हुए ट्वीट किया और कहा कि श्रमिकों को काम पर लाने के लिए तो सरकार उद्योगपतियों को पास दे रही है पर घर लौट रहे उन बेबस मजदूरों के लिए कोई इंतजाम नहीं जो सड़कों पर भूखे-प्यासे मरने पर मजबूर हैं। अब सब जान गए हैं कि ये सरकार अमीरों के साथ है और मज़दूर, किसान, गरीब के खिलाफ है। भाजपा की कलई खुल गई है।
इससे पहले मायावती ने एक और ट्वीट किया था। जिसमें उन्होंने कहा कि अभूतपूर्व कोरोना लाॅकडाउन के कारण देश की चरमराई स्थिति, अव्यवस्था व ध्वस्त अर्थव्यवस्था में थोड़ी सुधार के लिए केन्द्र ने जो भी कदम उठाए हैं उसपर विश्वास करते हुए बीएसपी का यही कहना है कि इसको जमीन पर ईमानदारी से लागू करने की जी-जान से कोशिश तत्काल शुरू कर देनी चाहिए।
मायावती ने कहा था कि लाचार/मजलूम करोड़ों प्रवासी मजदूरों के लिए जो 1,000 करोड़ रुपये की घोषणा की गई है वह यूपी जैसे अति-प्रभावित राज्यों को सीधे मिलनी चाहिए ताकि यह उन्हें उनके अपने पांव पर खड़े होने का वास्तविक सहारा बन सके और गरीबों/मजदूरों को आगे पलायन करने हेतु विवश न होना पड़े।