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अंसारी की जेल पर सियासी खेल, भाजपा – कांग्रेस में ठनी 

याद कीजिए आज से चार साल पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि अपराधी सुधर जाएं नहीं तो दूसरी जगह भेज दिये जाएंगे। तब योगी के इस ऐलान ने जमकर सुर्खियां बटोरी थी। इसके बाद से ही प्रदेश के अपराधियों और बाहुबली नेताओं पर क़ानूनी कार्यवाही की जा रही है। सरकार के निशाने पर पहले आजम खां आए थे।  जिनपर 82 मामले दर्ज कराए गए।  इसके बाद अतीक अहमद और मुख्त्यार अंसारी है। लखनऊ से गाजीपुर तक अंसारी की अवैध प्रापर्टी पर कार्रवाई के बाद अब नंबर खुद मुख्तार अंसारी का है।
एक तरफ योगी सरकार मुख्तार को यूपी लाने की कवायदें कर रही है तो दूसरी तरफ मुख्तार का परिवार आशंका जता चुका है कि यूपी की जेलों मे मुख्तार की जान पर खतरा है, इसलिए वो नहीं चाहते कि मुख्तार को यूपी की किसी भी जेल मे बंद किया जाए। जबकि मुख्त्यार अंसारी के मामले पर भाजपा  कांग्रेस में ठन चुकी है। भाजपा कांग्रेस पर आरोप लगा रही है कि वह अपराधियों को सरक्षक दे रही है। इस मामले में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी तक पर आरोप लगाए जा रहे है। भाजपा का आरोप है कि प्रियंका के इशारे पर अंसारी को पंजाब जेल से यूपी नहीं भेजा जा रहा है। हालाँकि अंसारी को यूपी की जेल में लाने को योगी सरकार सुप्रीम कोर्ट की शरण में चुकी है।
  गौरतलब है कि मुख्तार अंसारी पंजाब की रोपड़ जेल में बंद है। जिस पर उत्तर प्रदेश में कई आपराधिक मामले दर्ज है। इससे पहले भी यूपी सरकार ने मुख्तार को यूपी में लाने की कोशिश की थी, लेकिन पंजाब सरकार ने उसे वहीं रोकने के लिये तीन महीने का वक्त बढ़ा दिया था।  अंसारी को पेशी के लिए कई बार रोपड़ से गाजीपुर तलब किया गया। लेकिन खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए रोपड़ जेल अधीक्षक ने उसे नहीं छोड़ा। जिसके बाद यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। सर्वोच्च अदालत ने 18 दिसंबर 2020 को सुनवाई के बाद रोपड़ जेल अधीक्षक को नोटिस जारी किया था।

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