हरियाणा के पानीपत की पुलिस अधिकारी मनीषा चौधरी पर बीजेपी नेता और पूर्व पार्षद हरीश शर्मा को खुदकुशी के लिए उकसाने के आरोप में केस दर्ज किया गया है। हरीश शर्मा की मौत के बाद राज्य के गृहमंत्री और डिप्टी सीएम में आपस में भिड गए हैं। गृहमंत्री अनिल विज ने हरीश के खुदकुशी मामले जांच के आदेश दिए हैं तो वहीं दूसरी तरफ डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने पुलिस अधिकारी का बचाव किया है। विज ने मामले पर कोई एक्शन न लेने पर पुलिस चीफ मनोज गुप्ता को फटकार लगाई थी।
दुष्यंत ने मनीषा के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर पर सवाल खड़े किए हैं। अपने गृह जिले सिरसा में पत्रकारों से बातचीत के दौरान डिप्टी सीएम ने कहा कि ”अगर इस तरह एक एसपी के खिलाफ केस दर्ज किया जा सकता है तो फिर राज्य में किसी भी अपराध के लिए सीधे डीजीपी के खिलाफ केस दर्ज किया जाना चाहिए।” मामले पर अब पूरी तरह से राजनीति हावी हो गई है। क्योंकि एक तरफ बीजेपी के नेता अनिल विज जांच करवाने पर अडिग है तो दूसरी तरफ डिप्टी सीएम बचाव पक्ष में है। हालांकि दोनों ही सत्ताधारी सरकार के मंत्री हैं। दुष्यंत के साथ बीजेपी का गठबंधन है तभी प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनी हुई है। अगर दुष्यंत अपना समर्थन वापिस लेते है तो बीजेपी सरकार राज्य में गिर जाएगी।
पूर्व पार्षद ने 19 नवंबर को नहर में कूदकर अपनी जान दे दी थी, रविवार को उनका शव मिला था। हरीश के परिवार वालो ने पुलिस पर शोषण का आरोप लगाया है। दरअसल दीवाली पर पुलिस पटाखे न चलाने को लेकर मुहिम चला रही थी। शर्मा की इसी दौरान पुलिस के साथ बहस हुई थी। जिसके बाद पुलिस ने हरीश शर्मा, उनकी बेटी अंजली शर्मा समेत 11 लोगों पर आईपीसी की 11 धाराओं के तहत केस दर्ज किया था। हरीश के परिवार वालो ने बताया कि ”इससे वो बहुत परेशान हो गए थे। गुरुवार को वो अपने दोस्त के पास रुके हुए थे और वहीं से उन्होंने अपने भाई को फोन कॉल करके अपने खुदकुशी के इरादे से वाकिफ कराया था। बता दें मनीषा चौधरी 2011 बैच की आईपीएस अधिकारी है वह जल्द ही वह चड़ीगढ की सीनियर एसपी (ट्रैफिक) बनने वाली थी। अगर ऐसा होता तो वह ऐसा करने वाली पहली महिला होती। लेकिन अब उनकी ज्वानिंग टाल दी गई है।