कोरोना योद्धा (डॉक्टर्स) के लिए लॉकडाउन में थाली और शंख बजाया गया। दीप जलाया गया। सम्मान में लंबे-लंबे कसीदे गढ़े गए। अपनी जान की परवाह किये बगैर देश की सेवा में जुटे रहे। लाखों-करोड़ों देशवासियों की बचाते रहे। आज वही योद्धा सड़कों पर है। लेकिन उनकी सुध कोई नहीं ले रहा। पुलिस उन पर लाठी-डंडे बरसा रही है। सरकार भी बेरुखी का चादर ओढ़ ली है। सरकार आज उनसे बात करने को तैयार नहीं है। आख़िरकार उन्हें आंदोलन का रास्ता चुनना पड़ा।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से लेकर देश के कई राज्यों में रेसिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर हैं। उनकी सिर्फ इतनी सी मांग है कि सरकार नीट पी.जी की काउंसलिंग की तारीख तय कर दे। ताकि वे भी निश्चिन्त होकर अपने काम में मन लगा सकें। लेकिन उनकी मांग अदालत में चक्कर काट रही है। इनके हड़ताल से अस्पतालों में ओपीडी सेवा भी प्रभावित हो रही हैं। अस्पताल में मरीजों को दर-दर भटकना पड़ रहा है। ओमीक्रॉन का खतरा भी तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में डॉक्टर्स की नाराजगी राष्ट्र के लिए खतरनाक हो सकता है।
नीट पी.जी काउंसलिंग की मांग को लेकर डॉक्टर्स पिछले कई दिनों से स्वास्थ्य मंत्रालय, निर्माण भवन के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे। लेकिन सरकार ने डॉक्टरों से बातचीत करना भी मुनासिब नहीं समझ रही। आखिरकार 28 दिसंबर को डॉक्टरों ने फोर्डा के बैनर तले सुप्रीम कोर्ट तक मार्च निकला। इस दौरान पुलिस और डॉक्टरों में विवाद बढ़ गया। बताया जा रहा है कि इस दौरान पुलिस ने डॉक्टरों पर लाठियां भी बरसाई।
डॉक्टरों पर लाठियां बरसाने की खबर मिलने पर दिल्ली के अधिकांश अस्पतालों के डॉक्टर सफदरजंग हॉस्पिटल पहुंच कर धरना पर बैठ गए। मामले को बढ़ता देख केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया सक्रिय हुए। उन्होंने डॉक्टरों से मुलाकात की। डॉक्टरों के साथ हुई दुर्व्यवहार के लिए उन्होंने दुःख भी जताया। उन्होंने उम्मीद जताई कि नीट-पीजी की काउंसलिंग जल्द होगी। केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा है कि इस मामले पर 6 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है। इससे पहले हम सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट जमा कर देंगे।
क्या है पूरा मामला?
सुप्रीम कोर्ट ने नीट पी.जी काउंसलिंग पर रोक लगा रखी है। जिसकी वजह से डॉक्टर हड़ताल कर रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना की तीसरी लहर का खतरा देश में मंडरा रहा है। देश के अस्पतालों में नए डॉक्टरों की भर्ती नहीं होने से फिर से वही हालात बन सकते हैं, जैसे कोरोना के दूसरी लहर में बने थे।
डॉक्टरों की हड़ताल आक्रामक होने लगा है। काउंसलिंग की मांग को लेकर वे पिछले कई दिनों से स्वास्थ्य मंत्रालय, निर्माण भवन के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे। लेकिन सरकार उनकी सुध नहीं ले रही थी। मजबूरन उन्हें मार्च निकालना पड़ा। जिस दौरान डॉक्टरों और पुलिस में झड़प हो गई।
डॉक्टरों के साथ हुई पुलिसिया कार्यवाही से गुस्साए कई अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर बड़ी संख्या में सफदरजंग अस्पताल पहुंचे। वहां उन्होंने प्रदर्शन किया। इस दौरान डॉक्टरों ने मार्च करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के आवास तक गए । स्वास्थ्य मंत्री के आवास जाते समय भी पुलिस ने डॉक्टरों पर लाठी बरसाई। हजारों की संख्या में प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों को सरोजनी नगर थाने ले गए।सरोजिनी नगर थाने में लगभग ढाई हजार डॉक्टरों को डिटेन कर लिया गया। पुलिस स्टेशन में इतने लोगों के लिए जगह नहीं होने के कारण डॉक्टर बाहर खड़े रहे और वहां अपना विरोध जारी रखा। डॉक्टर्स रात को थाने में राष्ट्रीय गान गाते रहे। नारे लगाते हुए न्याय की मांग करते रहे।
विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे डॉक्टरों के संगठन फोर्डा का कहना है कि कोरोना की पिछली लहरों के दौरान हमें दिया जलाकर, थाली बजाकर और फूल बरसाकर सम्मान दिया गया था। आज हमने वह सम्मान वापस लौटा दिया है। रेजिडेंट डॉक्टर्स शांति पूर्ण तरीके से नीट पी.जी की काउंसलिंग की मांग कर रहे थे। पुलिस ने डॉक्टरों को बर्बरता के साथ घसीटा और डिटेन भी किया।
इस मामले पर विपक्ष ने क्या कहा ?
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर डॉक्टरों की मांग पूरी करने की गुजारिश की है। उन्होंने डॉक्टरों के साथ हुई मार-पिटाई की भी निंदा की है।
BIG BREAKING: CM @ArvindKejriwal writes to PM @narendramodi, SLAMS Centre on #DoctorsStrike
"We strongly condemn the police brutality inflicted on our Doctors by Modi Govt. PM should accept their demands & conduct #NEETPG counselling immediately." pic.twitter.com/E7GqvKwRQJ
— AAP (@AamAadmiParty) December 28, 2021
इसके अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री ने लिखा, नीट पी.जी की काउंसलिंग में हो रही देरी होने पर इन डॉक्टरों पर तो असर पड़ता ही है लेकिन इससे अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी होती है और दूसरे डॉक्टरों पर बोझ बढ़ता है।
फूल बरसाना दिखावे का PR था,
असलियत में अन्याय बरसा रहें हैं।केंद्र सरकार के अत्याचार के ख़िलाफ़ मैं #CovidWarriors के साथ हूँ।#NEETPG pic.twitter.com/lzmWjLrwMZ
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 27, 2021
कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट में कहा, ‘फूल बरसाना दिखावे का PR था, असलियत में अन्याय बरसा रहें हैं। केंद्र सरकार के अत्याचार के ख़िलाफ़ मैं #CovidWarriors के साथ हूँ।’
कोरोना के समय में इन युवा डॉक्टरों ने अपनों से दूर रहकर पूरे देश के नागरिकों का साथ दिया।
अब समय है पूरा देश डॉक्टरों के साथ खड़े होकर इन पर पुलिस बल प्रयोग करने वाले व इनकी मांगों को अनसुना करने वाले @narendramodi जी को नींद से जगाए
डॉक्टरों को झूठा PR नहीं, सम्मान व हक चाहिए। pic.twitter.com/FG04p4U98o
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) December 27, 2021
प्रियंका गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा है कि ‘कोरोना के समय में इन युवा डॉक्टरों ने अपनों से दूर रहकर पूरे देश के नागरिकों का साथ दिया। अब समय है पूरा देश डॉक्टरों के साथ खड़े होकर इन पर पुलिस बल प्रयोग करने वाले व इनकी मांगों को अनसुना करने वाले मोदी जी को नींद से जगाए। डॉक्टरों को झूठा PR (प्रचार )नहीं, सम्मान व हक चाहिए।’