लॉकडाउन का पालन कराने की कोशिश में लगे पुलिस जवानों पर दिनोंदिन हमले बढ़ रहे हैं। शायद कोई ही दिन जाता होगा जब यह खबर नहीं मिलती की पुलिस पर भीड़ ने हमला कर दिया। हालांकि, पुलिस इन मामलों में सख्ती से पेश आ रही है। यहां तक कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में बहुत ही सख्ती बरतने के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने कहा है कि प्रदेश में अगर कहीं भी पुलिस के साथ दुर्व्यवहार होता है तो आरोपियों के खिलाफ रासुका लगाई जाए और उन्हें जेल में भेजा जाए।
योगी के ऐसे सख्त आदेशों के बावजूद भी पुलिस पर हमले रुक नहीं रहे हैं। देखा जाए तो उत्तर प्रदेश में यह मामले ज्यादा सामने आ रहे हैं। पहले मुजफ्फरनगर और उसके बाद आगरा, कन्नौज और अब बरेली में खाकी पर हमले की खबर आ रही है। बरेली जिले के इज्जत नगर थाने में एक गांव कर्मपुर चौधरी में जहां से किसी ने 100 नंबर पर फोन करके पुलिस को खबर दी कि यहां पर कुछ लोग निजामुद्दीन के तब्लीगी जमात से आए थे।
इस सूचना के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस की चीता मोबाइल पुलिस में गांव में पहुंची। गांव के माहौल को देखकर पुलिस ने कई लोगों से पूछताछ की। जब पुलिस प्रधान तस्सबुर खान की चौपाल पर पहुंची तो वहां पर बहुत सारे लोग इकट्ठे थे। इसके बाद चीता मोबाइल में पहुंचे पुलिसकर्मियों ने लोगों को लॉकडाउन का पाठ पढ़ाना शुरू कर दिया। जो कर्मपुर चौधरी के लोगों को नागवार गुजरा।
बताया जा रहा है कि इसके बाद लोगों ने पुलिस के साथ कहा-सुनी कर दी। तब 2 लोगों को पकड़कर पुलिस चौकी ले जाया गया। जहां थोड़ी देर बाद बुजुर्ग लोगों के पहुंचने और रजामंदी होने के बाद दोनों को छोड़ दिया गया। लेकिन इसी दौरान कर्मपुर चौधरी के प्रधान तस्सबुर खान के नेतृत्व में करीब 400 लोगों की भीड़ पुलिस चौकी पर पहुंच गई। जहां भीड़ ने पुलिस चौकी को अपने कब्जे में ले लिया और आग लगाने का प्रयास किया।
हालांकि, कहा यह भी जा रहा है कि वह अपने प्रयास में सफल हो गए। लेकिन आगजनी का मामला कहीं दर्ज नहीं हुआ है। इसके बाद पुलिस और ग्रामीणों में तनातनी हो गई। बताया जा रहा है कि मामला मारपीट तक पहुंच गया। बाद में एसपी के नेतृत्व में काफी पुलिस मौके पर पहुंची और गांव में जाकर लोगों पर लाठियां बजानी शुरू कर दी।
इस बाबत एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर जारी हुआ है जिसमें पुलिस जनता को बुरी तरह पीटते दिखाई दे रही है। जिस गली मोहल्ले में लोग मिल रहे हैं, वहीं पुलिस उन्हें बुरी तरह मार रही है। इसी के साथ वीडियो में यह भी दिखाया गया है कि एसपी अभिषेक वर्मा के हाथ की कोहनी में चोट लगी हुई है। बताया जा रहा है कि एसपी अभिषेक वर्मा को यह चोट तब लगी जब जाए ग्रामीण और पुलिस को आपस में समझा रहे थे।
बताया जाता है कि इसी दौरान वह गिर गए और उनको चोट लगी। लेकिन कुछ लोगों का कहना है कि पुलिस पर ग्रामीणों ने हमला किया। जिसके फलस्वरूप एसपी को चोटे आई। फिलहाल पुलिस में 45 लोगों और 7 महिलाओं के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी है। एसपी सिटी रविद्र सिंह के अनुसार लोगों के खिलाफ रासुका में मामला दर्ज किया किया गया है।
याद रहे कि इससे पहले रविवार को आगरा में पिनाहट थाना क्षेत्र के भदरौली कस्बे में भीड़ ने दो सिपाहियों पर हमला कर दिया था। लॉकडाउन का उलंघन कर रहे लोगों को ये सिपाही सोशल डिस्टेंसिंग के बारे में समझा रहे थे। भीड़ ने सिपाहियों की पीटा। सिपाही जसपाल व योगेंद्र को भागकर अपनी जान बचानी पड़ी। वहीं कन्नौज में बीते शुक्रवार को एक मकान की छत पर नमाज पढ़ी गई। पुलिस ने उन्हें समझाने का प्रयास किया तो फावड़े और कुल्हाड़ी से हमला किया गया। इस दौरान एलआईयू सिपाही, चौकी इंचार्ज समेत चार पुलिस कर्मियों को गंभीर चोटें आई थीं।