दिल्ली-एनसीआर में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सुरक्षा में कोई चूक न हो और कोई अप्रिय घटना घटित न हो इसके लिए दिल्ली पुलिस की ओर से पड़ोसी राज्यों की पुलिस से भी सहयोग की मांग की गई है। आपसी समन्वय बनाए रखने और एक-दूसरे की मदद करने के लिए किन पहलुओं पर आगे काम करने की आवश्यकता है इस पर चर्चा करने के लिए शुक्रवार को एक अंतरराज्यीय समन्वय बैठक आयोजित की गई और कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई।
ऐसा पहली बार था जब सभी राज्यों की पुलिस द्वारा पूरी तरह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मीटिंग की गई। इस ऑनलाइन मीटिंग में हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, झारखंड, बिहार, राजस्थान, चंडीगढ़ और जम्मू-कश्मीर सहित उत्तर भारत के सभी प्रमुख राज्यों के पुलिस अधिकारियों मौजूद रहे। इस मीटिंग में मौजूद अधिकारियों की ओर से दिलली-एनसीआर में एक्टिव कुछ ऐसे इंटरस्टेट गैंग्स के बारे में भी खुफिया जानकारियां एक-दूसरे से साझा की गई। जो अवैध हथियार, शराब, मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल हैं।
बैठक में स्वतंत्रता दिवस के आसपास यातायात पर प्रतिबंध पर भी चर्चा की गई। दिल्ली पुलिस की ओर से कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव के अलावा सभी प्रमुख विंगों के विशेष आयुक्त, संयुक्त आयुक्त और प्रमुख विभागों के डीसीपी भी बैठक में शामिल हुए। आतंकवादी दिल्ली-एनसीआर में किन ठिकाने पर छिप सकते हैं, उन्हें हथियार और गोला-बारूद कहां से मिल सकता है और वे रेकी में कहां मदद कर सकते हैं। इन सब पहलुओं और योजना पर अधिकारियों के बीच विस्तार से चर्चा हुई। 15 अगस्त को अन्य संवेदनशील कर्तव्यों में तैनात कर्मचारियों की सुरक्षा व्यवस्था और सत्यापन पर भी विशेष जोर दिया गया।
गौरतलब है कि हाल ही में कश्मीर से धारा 370 और 35-ए को हटाए जाने को एक वर्ष बीत गया है। तो वहीं अयोध्या में 5 अगस्त को राम मंदिर भूमि पूजन भी सम्पन्न हुआ है। इसी क्रम में अब स्वतंत्रता दिवस भी आ रहा है। जिसके मद्देनजर सभी सुरक्षा इंतेजाम किए जा रहे हैं। ऐसे में सुरक्षा का खतरा इस बार और बड़ा हो सकता है। इसी को देखते हुए आगे के लिए योजना बनाने पर जोर दिया जा रहे हैं। पड़ोसी राज्यों की पुलिस ने सीमा पर आने वाली गाड़ियों की सख्त जांच और नए स्थानों पर रहने वाले किरायेदारों और अज्ञात लोगों के सत्यापन के लिए एक-दूसरे को पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।