बिहार में जहरीली शराब के चलते कई परिवारों को दीवाली के मौके पर अपने परिजनों को खोना पड़ा। बिहार के गोपालगंज और बेतिया इलाकों में जहरीली शराब के सेवन से अब तक 31 लोगों की मौत हो चुकी है।
पश्चिमी चंपारण जिले के जिला मुख्यालय बेतिया के तेलहुआ गांव में कम से कम 20 और गोपालगंज इलाके में 11 लोगों की मौत हो गई। जहरीली शराब के कारण कई लोगों की आंखों की रोशनी चली गई है। इससे पहले पिछले हफ्ते मुजफ्फरपुर में शराब पीने से छह लोगों की मौत हो चुकी थी।
बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने मौतों के लिए नीतीश कुमार सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। बिहार में दिवाली पर सरकार ने जहरीली शराब से 35 से ज्यादा लोगों की जान ले ली। तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया कि किसी की सनक से बिहार में कागजों पर शराबबंदी है अन्यथा खुली छूट है क्योंकि ब्लैक में मौज और लूट है।
इन चीख़ों का गड़बड़ DNA वाली NDA सरकार और तीन नंबरिया पार्टी के मुखिया पर कुछ फ़र्क नहीं पड़ता। जहरीली शराब से बिहार में दिवाली के दिन सरकार द्वारा 35 से अधिक लोग मारे गए।
हाँ! किसी की सनक से बिहार में कागजों पर शराबबंदी है अन्यथा खुली छूट है क्योंकि ब्लैक में मौज और लूट है। pic.twitter.com/9Wz0WNuq81
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) November 4, 2021
बिहार में जहरीली शराब से होने वाली मौतों को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, ‘2016 से हमने शराब पर प्रतिबंध को सख्ती से लागू किया है। कई लोग शराबबंदी के पक्ष में हैं। नशे में न आएं, अपील की गई है।
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पुलिस कर्मी निलंबित
अवैध कारोबार पर लगाम लगाने में लापरवाही बरतने के आरोप में मोहम्मदपुर थाना के एसएचओ और एक कर्मचारी को निलंबित कर दिया गया है। जिला पुलिस अधीक्षक आनंद कुमार ने कहा कि मोहम्मदपुर पुलिस थाने के एसएचओ और एक कर्मचारी, जिसके अधिकार क्षेत्र में तीन गांवों में बड़ी संख्या में मौतें हुईं, को निलंबित कर दिया गया है।
घटना के बाद बिहार के कैबिनेट मंत्री जनक राम पीड़ितों के परिवारों से मिलने गोपालगंज पहुंचे। उन्होंने राज्य में शराब की अवैध बिक्री के संबंध में सरकार के खिलाफ आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि यह एनडीए सरकार की छवि खराब करने के लिए विपक्ष की चाल है।