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PM मोदी का मिशन UP: अब AK के बल पर सत्ता साधने की तैयारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेहद करीबी नौकरशाह गुजरात कैडर 1988 बैच के आईएएस ऑफिसर अरविंद कुमार शर्मा यानि ए के की नौकरी के अभी दो साल बचे हुए थे । लेकिन अचानक ही उन्होंने 12 जनवरी 2021 को नौकरी से वीआरएस ले लिया। उनका यह वीआरएस ऐसे ही नही था बल्कि एक सोची समझी रणनीति के तहत था। ऐसे में ये तो तय था कि भाजपा और खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके लिए कोई बड़ी भूमिका तैयार कर रखी थी। यह उस समय सामने भी आया जब वह भाजपा में शामिल हो गये। इसके कुछ दिनों बाद ही शर्मा को यूपी से विधान परिषद में सदस्य बनाकर राजनीतिक रूप से अति महत्वपूर्ण सूबे उत्तर प्रदेश की पॉलिटिक्स में एन्ट्री करा दी गई। जनवरी में वह विधान परिषद सदस्य बने और इसके बाद महज 4 माह बाद ही शर्मा को यूपी की राजनीति में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देने की तैयारी की जा रही है ।

पहले नृपेंद्र अब अरविंद

यूपी पर एकाधिकार को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन में कुछ बड़ा करने की कसक पहले से ही रही है। 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले जब भाजपा में मोदी का प्रभाव बढ़ा तो सबसे पहले उन्होंने अपने करीबी अमित शाह को उत्तर प्रदेश का प्रभारी बना कर भेज दिया। इसके बाद जब चुनाव होने को हुए तो खुद बनारस पहुंच गये। अभी पिछले ही साल प्रधानमंत्री मोदी के भरोसेमंद अफसर रहे नृपेंद्र मिश्र को यूपी में स्पेशल मिशन पर भेजा गया। नृपेंद्र को राम मंदिर निर्माण समिति का अध्यक्ष बनाया गया। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि अब अरविंद शर्मा भी मोदी की महत्वकांक्षी योजना को यूपी में परवान चढाने की कड़ी में आगे की कहानी गढ़ने जा रहे हैं।

शर्मा के लिए हटेगा एक डिप्टी सीएम

चार दिन पहले शर्मा की प्रधानमंत्री मोदी से दिल्ली में मुलाकात होते ही कयासबाजियो का दौर शुरू हो गया है। कहा जाने लगा है कि यूपी में एक तीसरा डिप्टी सीएम आएगा, या दिनेश शर्मा और केशव प्रसाद मौर्या में से किसी एक की छुट्टी होगी। केशव प्रसाद मौर्य के बारे में चर्चा है कि उन्हें डिप्टी सीएम से हटाकर भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाएगा । साथ ही यह भी चर्चा बुलंद है कि अरविंद शर्मा को यूपी भेजकर नरेंद्र मोदी ने लखनऊ में अपनी राजनीतिक गोटियाँ फिट कर ली हैं। पहले गुजरात फिर दिल्ली और अब यूपी में शर्मा नरेंद्र मोदी की आंख और कान बनेंगे।

शर्मा यूपी के बनेगें डिप्टी सीएम या होंगे कैबिनेट मंत्री

चर्चा है कि कुछ दिनों बाद होने वाले मंत्रिमंडल फेरबदल के दौरान ही शर्मा को यूपी की सत्ता में महत्वपूर्ण पद से नवाजा जाएगा। कयास लगाए जा रहे हैं कि वह उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम बनाए जा सकते हैं । अगर यह संभव नहीं हो सका तो राजनीतिक विश्लेषको का मानना है कि एके शर्मा को यूपी कैबिनेट में स्थान दिया जाना तय है।

मोदी के कहे जाते हैं आंख और कान

12 जनवरी 2021 को जब ए के शर्मा ने वीआरएस लेकर राजनीति में आने का ऐलान किया उसी दिन से कहा जाने लगा था कि प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मिशन यूपी’ के लिए अपने एक खास सिपाहसलार को देश के सबसे बडे सूबे में भेजने की योजना बना रहे है। राजनीतिक गलियारों में पूर्व नौकरशाह अरविंद कुमार शर्मा यानि ए के को मोदी की ‘आंख और कान’ तक कहा जाता है। अरविंद कुमार शर्मा की यह विशेषता रही है कि वह तब से प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम कर रहे हैं जब से वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे। इसके बाद जब मोदी प्रधानमंत्री बनकर दिल्ली आए तो ए के शर्मा को भी वह अपने साथ गुजरात से दिल्ली ले आए।

राजनीति और नौकरशाही पर नजर रखने का मोदी प्लान

वीआरएस लेने के तुरंत बाद ए के शर्मा भाजपा में शामिल हो गये। इसके कुछ दिनों बाद शर्मा को विधान परिषद का उम्मीदवार भी घोषित कर दिया गया। यही नहीं बल्कि बाद में वह विधान परिषद में सदस्य भी बना दिए गए। तब से ही कहा जाने लगा था कि यूपी की राजनीति में उन्हें बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है।
कहा जा रहा है कि यूपी की राजनीति और यहां की ताकतवर नौकरशाही लॉबी पर शर्मा नजर रख सकेंगे ।

चार दिन पहले मोदी से हुई गोपनीय मुलाकात

वैसे तो विधान परिषद सदस्य एके शर्मा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात होती रहती है । लेकिन इस बार दोनों की मुलाकात को बहुत ही गोपनीय रखा गया। दोनों की यह मुलाकात हुई थी चार दिन पहले शनिवार को। इस दिन कहा गया कि शर्मा प्रधानमंत्री मोदी को उनके लोकसभा क्षेत्र वाराणसी और काशी की कोरोना रिपोर्ट दे रहे थे । लेकिन सूत्र बता रहे हैं कि यह मुलाकात कोरोना की नहीं बल्कि यूपी की सत्ता में अपना दबदबा कायम करने की थी।

यूपी के मऊ निवासी हैं ए के शर्मा

ए के शर्मा मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मऊ से ताल्लुक रखते हैं। उनका गांव काझाखुर्द, मुहम्मदाबाद गोहना तहसील के रानीपुर विकास खंड में आता है। गांव के स्कूल से पढ़ाई करने के बाद उन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से स्नातक और परास्नातक किया और फिर पीएचडी की। इसके बाद वह सिविल सेवा में आ गए।

मोदी के लोकसभा क्षेत्र में कोरोना कंट्रोल पर विशेष ध्यान

एके शर्मा कोरोना की दूसरी लहर में लगातार सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। वह प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी के लोकसभा वाराणसी की विशेष देखरेख करते रहें हैं। वाराणसी में कोरोना की रोकथाम को लेकर वह लगातार काशी में डेरा जमाए हुए और स्थित को काबू में करने के लिए प्रयास कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि वह केवल वाराणसी ही नहीं बल्कि पूर्वांचल के अन्य 20 से ज्यादा जिलों में भी लगातार सक्रिय रहें हैं।

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