आज पूरे भारत की दीदी, मशहूर गायिका लता मंगेशकर के 93वे जन्मदिन के अवसर पर उनके सम्मान में व श्रद्धांजलि देते हुए श्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले के एक चौराहे पर लगी वीणा का उद्घाटन करेंगे। जिसका कुल भार 14 टन और लम्बाई 40 फुट है। जिस चौराहे पर इस मूर्ति की स्थापना की गई है उस स्थान को अब ‘लता मंगेशकर चौक’ के नाम से जाना जाएगा ।
लता जी को याद करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा अयोध्या में कार्यक्रम भी आयोजित कराए जा रहे हैं। जैसे राम कथा पार्क में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित कराये जायेगे। जिसमें लता मंगेशकर के जीवन से संबंधित प्रदर्शनी दिखाई जाएगी। देश के प्रधानमंत्री ने लता जी के जन्मदिन के अवसर पर खुशी व्यक्त करते हुए ट्वीट किया कि ‘बुधवार को अयोध्या में एक चौक का नाम लता मंगेशकर के नाम पर रखा जाएगा। महान गायिका को उनकी जयंती पर याद कर रहा हूं। बहुत कुछ है जो मुझे याद है। अनगिनत बातचीत जिसमें वह इतना स्नेह बरसाती थीं मुझे खुशी है कि आज, अयोध्या में एक चौक का नाम उनके नाम पर रखा जाएगा।
Remembering Lata Didi on her birth anniversary. There is so much that I recall…the innumerable interactions in which she would shower so much affection. I am glad that today, a Chowk in Ayodhya will be named after her. It is a fitting tribute to one of the greatest Indian icons.
— Narendra Modi (@narendramodi) September 28, 2022
लता मंगेशकर की यादें
लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को भारत के मध्य प्रदेश राज्य के इंदौर जिले में हुआ था। लता जी का जीवन संगीत को समर्पित था। देखा गया है कि भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया उनकी जादुई आवाज़ के दीवाने हैं । साथ ही लता जी देश कि सबसे लोकप्रिय और आदरणीय गायिका थीं, जिनका छः दशकों का कार्यकाल उपलब्धियों से भरा पड़ा है। हालाँकि लता जी ने लगभग तीस से ज्यादा भाषाओं में फ़िल्मी और गैर-फ़िल्मी गाने गाये हैं लेकिन उनकी पहचान भारतीय सिनेमा में एक पार्श्व गायिका के रूप में रही है। उनकी बहन आशा भोंसले के साथ भी लता जी का फ़िल्मी गायन में सबसे बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने अपने जीवनकाल के दौरान लगभग 20 से अधिक भाषाओं में 30 हजार से भी अधिक गाने गा कर अपना नाम गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड्स की बुक में भी दर्ज कराया। साल 2022 के फरवरी माह में इस महान हस्ती ने दुनिया को अलविदा कह दिया।
लता जी के कई गाने ऐसे हैं जिन्होंने उन्हें प्रसिद्धि दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जिसमें न जाने तुम कहाँ थे, हमने देखी है इन आँखों की, आज फिर जीने की तमन्ना है, जाते हो जाने जाना, वो शाम कुछ अजीब थी, आया सावन झूमके, सुनो सजना पपीहे ने, महबूब मेरे महबूब मेरे, तेरे बिना जिंदगी से कोई शिकवा तो नहीं, होठों पे ऐसी बात, वादा करो नहीं छोड़ोगे तुम मेरा साथ, गुम है किसी के प्यार में, नहीं नही अभी नहीं, गाता रहे मेरा दिल, मै जट यमला पगला दीवाना ,आज फिर तुम पे प्यार आया और तुमसे मिलकर ना जाने क्यों आदि गाने शामिल हैं। अपनी कोकिल जैसी मधुर आवाज के लिए लता जी को भारत के सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार ”भारत रत्न” (2001) के साथ साथ कई अन्य पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया जिसमें पद्म भूषण (1969), दादा साहब फाल्के पुरस्कार (1989) , पद्म विभूषण (1999), लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड (2008) आदि शामिल हैं।