प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज पंचयती राज दिवस पर सरपंचों से वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिए बात की। प्रधानमंत्री ने शुरुआत में कहा कि कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को बदल दिया है। कोरोना वायरस के वजह से हमारे सामने कितनी सारी मुश्किलें खड़ी की है तो उससे हमने बहुत से सबक भी सीखे हैं। अभी कोरोना वायरस के वजह से लाखों सरपंच एक साथ जुड़े है। इन 2-3 महीनों में हमने ये भी देखा है कि भारत का नागरिक, सीमित संसाधनों के बीच अनेक कठिनाइयों के सामने झुकने के बजाए, उनसे टकरा रहा है, लोहा ले रहा है।
ई-ग्राम स्वराज ऐप से पंचायतों का लेखा-जोखा
ई-ग्राम स्वराज ऐप से पंचायतों का लेखा-जोखा रखने के लिए सिंगल डिजिटल प्लेटफार्म होगा। पंचायत के विकास कार्यों, कामकाज की जानकारियां और उसके फंड की जानकारियां मिलेगी। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और साथ ही गांव के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए आज सरकार ने दो महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट शुरू किए है। ग्राम स्वराज और दूसरे की विशेषता है कि उसके द्वारा हर ग्रामीण के लिए स्वामित्व योजना की शुरुआत होगी। ग्राम स्वराज की स्वामित्व योजना से गांव के लोगों को भी काफी लाभ होगा।
इसमें ड्रोन के जरिए हर जमीन की मैपिंग की जाएगी। इससे लोगों के बीच झगड़े खत्म हो जाएंगे, विकास कार्यों को गति मिलेगी और शहरों की तरह इन संपत्तियों पर बैंक से लोन लिया जा सकेगा। अभी उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश समेत 6 राज्यों में ये योजना ट्रायल के तौर पर शुरू की जा चुकी है। फिर इसे देश के हर गांव में लागू किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मजबूत पंचायतें आत्मनिर्भर बनने की नींव हैं। सरकार पंचायती राज की व्यवस्थाओं को आधुनिक बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। अभी 1.25 लाख से ज्यादा पंचायतों तक ब्रॉडबैंड कनेक्शन पहुंच गया है।
अनुशासन और सूझबूझ की मिसाल पंचायत
वहीं अभी 3 लाख कॉमन सर्विस सेंटर काम कर रहे हैं। आज इतने बड़े पैमाने पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हो रही है। इसमें इन बातों का बड़ा योगदान है। शहर और गांव की दूरी कम करने के लिए सरकार ने दो प्रोजेक्ट शुरू किए हैं- ई-ग्राम स्वराज और हर ग्रामवासी के लिए स्वामित्व योजना। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोना संकट के दौर में आप सबने अनुशासन और सूझबूझ की मिसाल पेश की है। आपने देश को प्रेरणा देने वाला काम किया है। आपने दुनिया को बड़ा सरल मंत्र दिया है। दो गज दूरी का मैसेज दिया है।
#WATCH PM Modi interacts with Sarpanchs from across the nation via video conferencing https://t.co/K411nnLal4
— ANI (@ANI) April 24, 2020
सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर आप खुद को बचा रहे हैं। आज दुनिया में चर्चा हो रही है कि कैसे भारत ने कोरोना को जवाब दिया है। इतनी बड़ी महामारी के बीच देश का हर नागरिक अनेक कठिनाइयों के बीच उससे टकरा रहा है, लोहा ले रहा है। आखिर में नरेंद्र मोदी ने कहा कि आप लोगों की बात सुनकर देश के सभी लोगों को पता चला होगा कि सुदूर गांवों में हमारे सरपंच संकट की इस घड़ी में कैसे काम कर रहे हैं। भले ही सभी को नहीं सुन पाया, लेकिन आप सभी अपने अच्छे कामों के बारे में मुझे लिखकर भेजें।
हम सब बचपन से सुनते आए कि महात्मा गांधी कहते थे कि मेरे स्वराज का आधार ग्राम पंचायतें हैं। शास्त्रों में कहा गया है कि एकजुट रहने में ही शक्ति है। किसी एक ही लापरवाही सबकी जिंदगी खतरे में डाल सकती है। हमें सैनिटाइजेशन और लोगों को क्वारैंटाइन करना जारी रखना होगा। अगर किसी को कठिनाई होगी तो वह सबसे पहले सरपंच के पास ही आएगा। ‘गांव-गांव गली-गली, दो गज की सामाजिक दूरी’ का ध्यान रखना है। गर्मी के बाद बारिश में भी सतर्क रहते हुए गांवों को बचाना है।
टोलियां बनाकर जागरुकता की अपील
ऐसे मौसम में संक्रमण का खतरा और बढ़ जाता है। हमें हर परिवार तक सही जानकारी पहुंचाकर लोगों को बचाना है। छोटी-छोटी टोलियां बनाकर लोगों को जागरुक करें। इसमें आशा वर्कर्स और हर किसी की मदद लेनी चाहिए। सोशल मीडिया में खाने-पीने की चीजों को लेकर तमाम अफवाहें उड़ती हैं, उन्हें दूर करें। काढ़ा पीने और योग-प्राणायाम करने से बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ेगी। आरोग्य सेतु मोबाइल ऐप डाउनलोड करें। एक अभिनेता ने तो विज्ञापन में इसे पर्सनल बॉडीगार्ड बताया है।
सभी पंचायत प्रतिनिधि इसे हर मोबाइल में डाउनलोड कराएं। यह हमारी सुरक्षा का सेतु है। अभी लॉकडाउन का दूसरा फेज चल रहा है जो 3 मई को खत्म होना है। इससे 6 दिन पहले यानी 27 अप्रैल को प्रधानमंत्री मोदी सभी मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करेंगे। इससे पहले भी प्रधानमंत्री मुख्यमंत्रियों के साथ कोरोना संकट और लॉकडाउन की गाइडलाइन पर चर्चा कर चुके हैं।