कृषि कानूनों के खिलाफ किसान पिछले कई दिनों से सिंधु बार्डर पर डटे हुए है। 8 दिसंबर को भारत बंद के ऐलान के बाद किसानों को 11 बड़ी राष्ट्रीय पार्टियों ने समर्थन किया है। राजनीति के अलावा किसान आंदोलन को समाज के कई तबकों का समर्थन मिल रहा है। सोमवार को कई पूर्व और मौजूदा खिलाड़ी कृषि कानूनों के विरोध में अपना अवॉर्ड वापस करने राष्ट्रपति भवन की ओर मार्च करने निकले। हालांकि, इन सभी को दिल्ली पुलिस ने रास्ते में ही रोक लिया। बॉक्सर विजेंद्र सिंह ने अपना कहा था कि अगर सरकार कृषि बिलों को वापिस नहीं लेगी तो वह राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड वापिस कर देंगे।
किसानों के आंदोलन के समर्थन में पंजाब और अन्य राज्यों के करीब 30 मौजूदा और पूर्व खिलाड़ियों ने अपना सम्मान लौटाने की बात कही। पहलवान करतार सिंह के मुताबिक, अभी 30 खिलाड़ी मार्च कर राष्ट्रपति को अपना सम्मान लौटाने जा रहे हैं, लेकिन पंजाब और अन्य इलाकों से कुछ और खिलाड़ी भी ऐसा करना चाहते हैं। कृषि कानून के विरोध में कुछ दिनों पहले ही इस तरह अवॉर्ड वापसी की शुरुआत हुई थी। सबसे पहले पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने अपना पद्म विभूषण सम्मान लौटाया, उसके बाद कुछ लेखकों की ओर से साहित्य अकादमी अवॉर्ड लौटाया गया।
बीते दिन बॉक्सर विजेंद्र सिंह भी किसानों का समर्थन करने सिंधु बॉर्डर पहुंचे थे। यहां विजेंद्र सिंह ने कहा था कि अगर केंद्र सरकार ये कानून वापस नहीं लेती है तो वो अपना खेल रत्न वापस लौटा देंगे। विजेंद्र सिंह से पहले रेसलर द ग्रेट खली ने भी किसानों का समर्थन किया था और दिल्ली में प्रदर्शन करने की बात कही थी। दिल्ली की सीमाओं पर लंबे वक्त से किसानों ने डेरा जमाया हुआ है। अबतक किसान और सरकार के बीच पांच राउंड की बात हो गई है लेकिन किसान कानून वापस लेने पर अड़े हुए हैं। अब किसानों ने मंगलवार को भारत बंद का ऐलान किया है, सुबह 11 से दोपहर 3 बजे तक भारत बंद रहेगा। उसके बाद बुधवार को किसानों और सरकार में फिर चर्चा होगी।