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जनता कर्फ्यू के बीच शाहीन बाग के धरनास्थल पर फेंका गया पेट्रोल बम

जनता कर्फ्यू के बीच शाहीन बाग के धरनास्थल पर फेंका गया पेट्रोल बम

जनता कर्फ्यू के बीच दिल्ली के शाहीन बाग में पेट्रोल बम फेंके जाने की खबर है। प्रदर्शनकारियों ने रविवार को आरोप लगाया कि जहां धरना-प्रदर्शन चल रहा था वहां किसी ने आकर पेट्रोल बम फेंका और फरार हो गया। समाचार एजेंसी एएनआई ने कुछ तस्वीरे जारी की हैं जिसमें देखा जा सकता है कि धरना स्थल के पास सड़क पर आग लगी हुई है। ज़ेबा वारसी नाम की एक महिला ने भी एक वीडियो ट्वीट किया है। वीडियो में दिख रहा है कि कुछ जली हुई जीचें सड़क किनारे पड़ी हुई हैं और बगल में पुलिस वाले खड़े हैं।

ज़ेबा ने लिखा है कि शाहीन बाग बैरिकेड से पास कुछ विस्फोटक सामग्री फेंकी गई थी मगर किसी के घायल होने की सूचना नहीं है। जहां बम फेंका गया वहां कोई भी मौजूद नहीं था। कहा जा रहा है कि प्लास्टिक बॉटल में कुछ विस्फोटक समाग्री फेंका गया। विशेष पुलिस आयुक्त ने कहा, “कोई बड़ी घटना नहीं हुई है। शाहीन बाग प्रदर्शन स्थल पर जनता कर्फ्यू के दिन रविवार को केवल 4-5 महिलाएं ही बैठी हुई हैं।”

गौरतलब है कि CAA का विरोध कर रहे शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं डाली गई हैं जिस पर सोमवार को सुनवाई होने उम्मीद है। कोरोना वायरस का प्रसार रोकने की मांग करते हुए ये याचिकाएं लगाई गई हैं। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट में कुछ अन्य याचिकाएं भी लंबित हैं। जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ 23 मार्च को प्रदर्शनकारियों को हटाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करेगी।

सुप्रीम कोर्ट में ये नई नई याचिकाएं वकील आशुतोष दुबे और भाजपा नेता और वकील नंद किशोर गर्ग ने लगाई हैं। इन याचिकाओं में कहा गया है कि कोरोना से उत्पन्न स्वास्थ्य आपदा को देखते हुए शाहीन बाग से तुरंत प्रदर्शनकारियों की भीड़ को हटाने का निर्देश दिए जाएं। वकील अमित साहनी की ओर से और भाजपा नेता नंद किशोर गर्ग की दूसरी याचिका पर भी सोमवार को सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा।

पिछले दिनों दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के बीच कहा था कि कहीं भी किसी भी हालत में 50 लोगों से ज्यादा लोगों को एक साथ इकट्ठा होने की इजाजत नहीं दी जाएगी। चाहे वो प्रदर्शन हो या कुछ और। वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने 18 मार्च को दक्षिण पूर्वी दिल्ली के जिला मजिस्ट्रेट को पत्र लिखा है और कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर शाहीन बाग प्रदर्शन स्थल पर लोगों के एकत्रित होने के संबंध में रिपोर्ट मांगा है।

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