ईरान में फंसे हुए 850 भारतीयों को वापस लाने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शुक्रवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा है कि इस मामले पर केंद्र सरकार सोमवार तक अपना पक्ष रखे। अब अगली सुनवाई 30 मार्च तक होगी।
याचिका में यह कहा गया है कि केंद्र सरकार को निर्देश दिया जाए कि जब तक ईरान में फंसे सभी भारतीय यात्रियों को वहां से निकालकर वापस नहीं लाया जाता तब तक उन्हें मेडिकल सुविधाएं दी जाए। संज्ञान हो तो कोरोना वायरस से ईरान बुरी तरह प्रभावित है और वहां करीब दो हजार लोगों की मौत हो गई है।
याचिका लद्दाख निवासी मुस्तफा एमएच की ओर से दायर की गई है। याचिका दायर करने वाले मुस्तफा को वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े ने कहा कि याचिकाकर्ता मुस्तफा के कुछ रिश्तेदार पिछले वर्ष दिसंबर में ईरान गए थे। मार्च के पहले हफ्ते में याचिकाकर्ता के रिश्तेदारों को लौटना था। परंतु कोरोना वायरस की वजह से वो लोग ईरान में फंस गए हैं। याचिका में ईरान में फंसे हुए 850 लोगों को वहां से निकालने की मांग की गई है।
याचिककर्ता ने ये भी दावा किया गया है कि डॉक्टरों की टीम ने 850 लोगों का टेस्ट किया है। ईरानी सरकार ने उन्हें होटल में ठहराया है। लेकिन इन लोगों की स्थिति ऐसी नहीं है कि वो उनको पैसे दे सकें। उनके पैसे खर्च हो चुके हैं।
होटल में एक कमरे में चार से पांच लोगों को रखा गया है यह जानते हुए भी की कोरोना ईरान में बुरी तरह से फैला हुआ है उन्हें ऐसी स्थिति में रहना पड़ रहा है। इस तरह से उन्हें एकसाथ रखना उनके स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा कर सकता है। लिहाजा केंद्र सरकार द्वारा यह सुनिश्चित कराया जाना चाहिए कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की दिशा निर्देशों के तहत इन सभी को अलग-अलग रखा जाए।