उत्तराखण्ड के पर्वतीय जिलों में बरसात एक बार फिर आम लोगों के लिए आफत बनकर आई हैं। जगह-जगह बादल फटने और भूस्खलन िकी घटनाएं हो रही हैं। आज 28 जुलाई को तड़के सीमांत चमोली जिले के अंतर्गत घाट ब्लाॅक के पंडर गांव में बादल फटने से एक मकान मलबे की चपेट में आ गया। उस वक्त घर के चार सदस्य सोये हुए थे। इनमें से एक महिला देवेश्वरी देवी की मलबे में दबने से मौत हो गई तथा 12 साल की एक बच्ची घायल हुई। मवेशियों को भी नुकसान होने की खबर है।
सीमांत पिथौरागढ़ के बंगापानी तहसील के अंतर्गत धामीगांव में भूस्खलन के चलते एक मकान मलबे में दब गया। इसमें एक महिला बिशना देवी और उनके पुत्र हयात सिंह की मलबे में दबने से मौत करीब 40 बकरियां, दो भैंस, दो गाय, दो बैल और एक कुत्ता भी मलबे में दब गए।
बांसबगड़ घाटी के गूंठी गांव में भी जानकी देवी नामक एक महिला के मलबे में दबरकर मौत होने की खबर है। राज्य में भारी बारिश के चलते जगह-जगह भूस्खलन होने से सड़के अवरूद्ध हैं। बदरीनाथ हाइवे पर जगह-जगह सैकड़ों तीर्थ यात्री और आम लोग जगह-जगह फंस जा रहे हैं।
-दाताराम चमोली