भारत के होमग्रोन कोरोनावायरस वैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने कहा है कि जो लोग कमजोर प्रतिरक्षा, एलर्जी, बुखार, रक्तस्त्राव या किसी अन्य बीमारी से ग्रस्त हैं वे डॉक्टर से इसके बारे में जरूर परामर्श लें। साथ ही कंपनी ने यह भी कहा है कि कोवैक्सीन को लेने वाले लोगों को पहले ही अपनी चिकित्सा स्थितियों के बारें में डॉक्टर को जरूर जानकारी देनी होगी। कंपनी ने यह भी कहा है कि जो लोग कोवैक्सीन का टीका ले रहे हैं, उन लोगों में एलर्जी सांस लेने में कठिनाई, चेहरे और गले में सूजन, तेजी से दिल की धड़कन, चक्कर आना, और कमजोरी शामिल हो सकती है। भारत में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम शुरू करने के तीन दिन बाद कंपनी के निर्माताओं के निर्देंश आए हैं। लेकिन ऐसे में जब भारत बायोटेक द्वारा विकसित वैक्सीन विवादों में घिरी हुई है, तो ये निर्देंश लोगों के लिए काफी अहम है।
देश के ड्रग रेगुलेटर ने बिना कोई ठोस प्रमाण के इसके उपयोग को अनुमति दी है, और कहा है कि यह कोविड़-19 को रोकने में प्रभावशील है। देश के ड्रग रेगुलेटर ने 4 जनवरी को दो टीकों के आपातकालीन उपयोग को मंजूरी दी थी। जिनमें एक ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और यूनाइटेड किंगडम स्थित ड्रगमेकर एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित किया गया था, और दूसरा भारत बायोटेक द्वारा। भारत बायोटेक ने अभी भी अपने टीके की प्रभावशीलता पर डेटा प्रकाशित नहीं किया है, लेकिन कहा है कि वह क्लीनिक ट्रेनिंग के दिशानिर्देशों का अनुपालन कर रहा है।
हालांकि देश के ड्रग रेगुलेटर ने यह सुनिश्चित किया है कि वैक्सीन सुरक्षित है और इस विश्वास में उन्होंने अपनी स्वीकृति दी। ड्रग रेगुलेटर और वैक्सीन निर्माता कंपनी ने कहा है कि देर से क्लीनिक ट्रेनिंग को जारी रखने के बाद प्रभावकारिता डेटा प्रकाशित किया जाएगा। भारत के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि भारत में अधिकांश अस्पताल एस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन के साथ स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का टीकाकरण कर रहे हैं।
लेकिन नई दिल्ली में भारत बायोटेक वैक्सीन का संचालन करने वाले अस्पतालों के कई डॉक्टरों ने इसका शॉट लेने में संकोच किया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि भारत ने सोमवार को 148,266 लोगों का टीकाकरण किया गया। भारतीय अधिकारियों को जुलाई 2021 तक 300 मिलियन लोगों को टीके देने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर में कोरोना वैक्सीन लगाने की घोषणा 16 जनवरी को की थी। जिसके बाद देशभर में कोरोना वैक्सीन का टीकाकरण आरंभ हो गया है। लेकिन वैक्सीन दिए जाने के बाद कुछ इलाकों में इसके साइड इफेक्ट की खबरें भी आ रही है। इस बात की जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने संवाददाता सम्मेलन में दी। 16 और 17 जनवरी को वैक्सीन दिए जाने के बाद 447 एइएफ़आई (एडवर्स इवेंट फॉलोइंग इम्युनाइजेशन) रिपोर्ट किए गए हैं।
प्राप्तकर्ताओं में 30 मिलियन डॉक्टर, नर्स और अन्य फ्रंट-लाइन कार्यकर्ता शामिल हैं, जिनका अनुसरण 270 मिलियन लोगों द्वारा किया जाना है। 10.5 मिलियन की पुष्टि के मामलों में भारत संयुक्त राज्य में दूसरे स्थान पर है। अमेरिका और ब्राजील के पीछे 152,000 से अधिक जानलेवा हादसों के साथ देश में दर्ज मौतों की संख्या में तीसरा स्थान है।