इस बार बजट में इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है। हालाँकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से पेश हुए आम बजट में इनकम टैक्स में छूट के प्रावधानों पर नौकरीपेशा लोगों की नजरें टिकी थीं। लेकिन टैक्स स्लेब में कोई बदलाव न करने की वजह से करदाताओं के चेहरे पर कुछ मायूसी देखने को मिली।
हालांकि वित्त मंत्री ने 75 साल के अधिक उम्र के बुजुर्गों के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग में राहत की घोषणा जरूर की। इसके अनुसार 75 साल से अधिक उम्र वाले सीनियर सिटीजन को अब टैक्स में राहत दी गई है।
यानी अब 75 साल से अधिक उम्र वाले पेंशनधारकों को इनकम टैक्स नहीं भरना होगा। हालांकि ये राहत सिर्फ उन बुजुर्गों के लिए है जो या तो पेंशन धारी हैं या ब्याज से होने वाली कमाई पर निर्भर हैं।
टैक्स असेसमेंट की अवधि को कम करके 6 साल से 3 साल
इसके अलावा बजट में वित्त मंत्री ने घोषणा की है कि छोटे करदाताओं के लिए मुकदमेबाजी को और कम करने के लिए विवाद समाधान समिति गठित करने का प्रस्ताव किया गया है। ये पारदर्शिता सुनिश्चित करेगी। 50 लाख रुपये तक की कर योग्य आय वाले और 10 लाख रुपये तक की विवादित आय वाले व्यक्ति इस समिति के समक्ष जाने के योग्य होंगे।
वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि टैक्स असेसमेंट की अवधि को कम करके 6 साल से 3 साल किया जा रहा है। इससे अब तीन साल से पुराने आयकर केस नहीं खोले जाएंगे। बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एनआरआई लोगों के लिए भी सहूलियतों की घोषणा की है। उन्होंने इस दौरान कहा कि एनआरआई लोगों को टैक्स भरने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। लेकिन इस बार सरकार उन्हें डबल टैक्स सिस्टम से छूट दे रही है।