महाराष्ट्र की राजनीति में अभी भी दावे हकीकत से कोसों दूर है ।जिस एनसीपी ( अजित पवार गुट ) को लेकर भाजपा सरकार बना चुकी है और प्रदेश के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से शपथ ले चुकी है वह अभी भी असमंजस की स्थिति में है । भाजपा ऊहापोह में है कि आखिर 30 नवंबर तक वह बहुमत साबित कर पाएगी या नहीं । शंका इसलिए है की सुबह भाजपा ने एनसीपी के कुछ विधायकों का समर्थन लेकर सरकार बनाने का दावा किया और साथ ही एनसीपी के प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजित पवार को डिप्टी सीएम भी बना दिया।
इसके बाद एनसीपी के प्रमुख शरद पवार ने शिवसेना के साथ दोपहर में संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की । जिसमें उन्होंने स्पष्ट कहा कि भाजपा सरकार नहीं बना पाएगी। यही नहीं बल्कि उन्होंने कहा कि 30 नवंबर तक सरकार बहुमत साबित नहीं कर पाएगी और इसके बाद हमारी यानी एनसीपी शिवसेना और कांग्रेस की सरकार बनेगी ।
शरद पवार के इस दावे में कितना सच है यह तो अभी वक्त के साथ ही पता चलेगा । लेकिन फिलहाल जिस तरह से शरद पवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी पार्टी के कई विधायकों को पत्रकारों के सामने प्रस्तुत किया और सच उजागर कराया । जिसके अनुसार प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई विधायक ऐसे भी मौजूद रहे। जिन्होंने स्पष्ट कहा कि उन्हें अजित पवार ने बुलाया तो वे उनके बुलाए पर चले गए ।लेकिन उन्हें यह स्पष्ट नहीं बताया गया था कि सरकार यानी कि देवेंद्र फडणवीस शपथ ग्रहण कर रहे हैं । जबकि दूसरे विधायक ने कहा है कि वह अजित पवार के साथ नहीं बल्कि शरद पवार के साथ हैं ।
फिलहाल एनसीपी में चाचा और भतीजा आमने सामने आ गए हैं ।चाचा शिवसेना के साथ है तो भतीजा भाजपा के साथ । अब देखना यह होगा कि चाचा शिवसेना की सरकार बना पाएंगे या भतीजा भाजपा की सरकार को बहुमत साबित करवा पाएगा । फिलहाल महाराष्ट्र की राजनीति चाचा और भतीजे पर केंद्रित होकर रह गई है ।