गत सप्ताह हुए राज्यसभा सांसदों के चुनाव के बाद अब जुलाई में होने वाले राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के उम्मीदवारों की चर्चा का बाजार गर्म है। अभी तक न तो एनडीए और न ही यूपीए ने अपना उम्मीद्वार घोषित किया है। लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि एनडीए की तरफ से आदिवासी से लेकर मुस्लिम चेहरे को उतारने की बात की जा रही है। वहीं कांग्रेस की तरफ से कहा जा रहा है कि विपक्ष महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार को राष्ट्रपति उम्मीद्वार बना सकती है।दरअसल आम आदमी पार्टी से राज्य सभा सांसद संजय सिंह ने शरद पवार से उनके आवास पर मुलाकात की है ।
उल्लेखनीय है कि 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले वो पवार ही थे जिन्होंने आप और कांग्रेस से भाजपा का मुकाबला करने के लिए एक सहमति बनाने का आग्रह किया था। हालांकि तब बात नहीं बन पाई। दिल्ली और पंजाब समेत कई राज्यों में आप और कांग्रेस एक-दूसरे के प्रतिद्वंद्वी हैं। वहीं मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोनिया गांधी का संदेश शरद पवार को दे दिया है कि एक विचारधारा वाली पार्टियां एक प्लेटफॉर्म पर आएं और आगे की रणनीति पर चर्चा करें।
सोनिया गांधी ने खुद ही शरद पवार और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस बारे में चर्चा की थी। टीएमसी सुप्रीमो बनर्जी ने 15 जून को दिल्ली में 22 विपक्षी दलों के नेताओं को बुलाकर बैठक करने की योजना बनाई है। इसमें दिल्ली, केरल, ओडिशा, तेलंगाना, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, झारखंड और पंजाब के मुख्यमंत्री भी शामिल होंगे। ममता बनर्जी ने 10 राजनीतिक दल कांग्रेस, एनसीपी, आरजेडी, सपा, आरएलडी, को भी न्योता भेजा है। हालांकि इनमें से कौन बैठक में पहुंचेगा और कौन नहीं पहुंचेगा यह समय ही बताएगा। 15 जून को अरविंद केजरीवाल पंजाब जाने वाले हैं। बता दें कि विपक्षी दलों के पास 5 लाख 40 हजार वोट हैं। वहीं एनडीए के पास 4 लाख 90 हजार वोट हैं। बड़ी समस्या यह है कि विपक्षी दल एकजुट रहेंगे या नहीं।
गौरतलब है कि राष्ट्रपति चुनाव 18 जुलाई को होगा। चुनाव के लिए सत्तारूढ़ दल और विपक्षी दलों ने अब तक किसी उम्मीदवार का नाम घोषित नहीं किया। राष्ट्रपति पद के लिए 2017 में हुए चुनाव में विपक्षी दलों ने मीरा कुमार का समर्थन करके चुनाव लड़ा था, जो रामनाथ कोविंद से हार गई थीं।