कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन लागू किया गया था। जिस कारण लगभग सभी तरह का बिजनेस ठप्प पड़ गया। लेकिन इस दौरान एक मात्र पारले-जी बिस्किट है जिसकी बंपर बिक्री हुई। इतनी बिक्री हुई कि पिछले 82 सालों का रिकॉर्ड टूट गया। वह भी तब जब कंपनी के प्रोडक्ट्स की खपत घटने से कर्मचारियों पर छंटनी की तलवार लटक रही थी।
लॉकडाउन के दौरान लोगों ने पारले-जी बिस्किट को सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलने वाले प्रवासियों की मदद के लिए कई जगह बांटे तो कई अपने घरों में खाने के लिए लाएं। जिसके कारण कंपनी की बिक्री में रिकॉर्ड तोड़ बिक्री हुई।
'It is in giving, that we receive'
Great news coming from @officialparleg , super happy! Highest sales ever!#ParleG has been one of @khaanachahiye 's biggest supporters for our relief ops! https://t.co/02LhWJrsOd
— Ruben Mascarenhas (@rubenmasc) June 9, 2020
हालांकि, कंपनी ने सेल्स के नंबर नहीं बताए हैं। लेकिन ये जरूर कहा कि तीन महीने यानी मार्च, अप्रैल और मई में पिछले 8 दशकों में उसके सबसे अच्छे महीने रहे हैं। पारले प्रोडक्ट्स के कैटेगरी हेड मयंक शाह ने कहा कि कंपनी का कुल मार्केट शेयर करीब 5 फीसदी बढ़ा है और इसमें से 80-90 फीसदी ग्रोथ पारले-जी की सेल से हुई है।
मयंक शाह ने बताया, “यह आम आदमी का बिस्किट है, जो लोग ब्रेड अफोर्ड नहीं कर सकते वो पारले-जी खरीद सकते हैं। कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान कई राज्य सरकारों और एनजीओ ने भी बड़े पैमाने पर पारले-जी बिस्किट की खरीद की है।”
लॉकडाउन के दौरान भले ही पारले-जी की बिक्री में रिकॉर्ड तोड़ बढ़ोतरी हुई, लेकिन इस दौरान अन्य बिस्किट ब्रांड भी पीछे नहीं रहे। विशेषज्ञों का कहना है कि ब्रिटैनिया के गुड डे, टाइगर, बॉर्बन, मैरी, मिल्क बिकिज के साथ-साथ पारले कंपनी के मोनाको, हाईड एंड सीक और क्रैकजैक जैसे बिस्किटों की बिक्री में वृद्धि देखी गई।