कृषि कानून को लेकर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। तीनों नए कानूनों को विवादित कानून बताकर किसान सितंबर से ही आंदोलनरत हैं। आंन्दोलनकारी किसानों ने सरकार से कहा है कि सरकार को किसान विरोधी इन कानूनों को तुरंत रद्द करना चाहिए और जब तक कानून को खत्म नहीं किया जाएगा, प्रदर्शन जारी रहेगा।
अपना पद्म विभूषण लौटाते हुए पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने लिखा, ‘मैं इतना गरीब हूं कि किसानों के लिए कुर्बान करने के लिए मेरे पास कुछ और नहीं है, मैं जो भी हूं किसानों की वजह से हूँ। ऐसे में अगर किसानों को अपमान हो रहा है, तो किसी तरह का सम्मान रखने का कोई फायदा नहीं है। ‘
प्रकाश सिंह बादल ने लिखा कि किसानों के साथ जिस तरह का धोखा किया गया है, उससे उन्हें काफी दुख पहुंचा है। किसानों के आंदोलन को जिस तरह से गलत नजरिये से पेश किया जा रहा है, वो दर्दनाक है। ‘
प्रकाश सिंह बादल ने कहा, ‘केंद्र सरकार किसानों के साथ छल कर रही है। ‘
पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखदेव सिंह ढींडसा ने कृषि कानूनों को लेकर विरोध जताते हुए ‘पद्म भूषण’ लौटाने की घोषणा की है। उन्हें वर्ष 2019 में यह अवार्ड दिया गया था।
वे इस बारे में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखेंगे। इस बीच, पंजाब के किसान नेताओं ने कृषि कानूनों के विरोध में ‘पद्म विभूषण’ लौटाने के पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल की फैसले की सराहना की है।
सरकार के पास बातचीत का यह अंतिम मौका : आंन्दोलनकारी किसान
किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार जल्द से जल्द संसद का आपातकालीन सत्र बुलाए और उसमें तीनों नए कृषि कानूनों की जगह नया बिल लाये।