खाद्य तेलों (Edible Oil) की बढ़ती मांग के मद्देनजर आयात निर्भरता घटाने के लिए राष्ट्रीय खाद्य तेल-पाम आयल मिशन को केंद्रीय कैबिनेट (cabinet) ने मंजूरी दे दी।इस योजना के पूरा होने से पाम आयल(Palm oil) उद्योग में पूंजी निवेश और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
यह 11,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से शुरू होगा और इस मिशन को फिलहाल पूर्वोत्तर के राज्यों और अंडमान निकोबार (Andaman – Nicobar) द्वीप समूह में चलाया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की हुई बैठक में कृषि मंत्रालय के मसौदे को स्वीकृत कर लिया गया। कैबिनेट फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर (Narendra Tomar) ने कहा कि इससे एक तरफ खाद्य तेलों पर आयात निर्भरता घटेगी और दूसरी तरफ किसानों की आमदनी को बढ़ाने में भी सहूलियत होगी।
योजना के लिए 11,040 करोड़ रुपये किए गए हैं मंजूर
उन्होंने बताया कि देश के 12 तटीय राज्यों में पाम आयल उत्पादन की संभावनाएं हैं। किसानों को दी जाने वाली वित्तीय मदद 12,000 प्रति हेक्टेयर से बढ़ाकर 29,000 रुपये कर दी गई है। इसके अलावा रखरखाव और फसलों के दौरान सहायता में भी बढ़ोतरी की गई है। पुराने बागों में दोबारा खेती के लिए 250 रुपये प्रति पौधा के हिसाब से विशेष सहायता दी जा रही है। योजना के लिए 11,040 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। इसमें केंद्र की हिस्सेदारी 8,844 करोड़ रुपये और राज्यों की 2,196 करोड़ रुपये होगी। इसमें आय से अधिक खर्च होने की स्थिति में उस घाटे की भरपाई की व्यवस्था भी शामिल है। योजना के तहत साल 2025 तक पाम आयल (Palm Oil) का रकबा 6.5 लाख हेक्टेयर तक बढ़ा दिया जाएगा। इसके हिसाब से कुल 10 लाख हेक्टेयर रकबा का लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा। पाम आयल का रकबा इतना हो जाने से वर्ष 2025-26 तक पैदावार 11.20 लाख टन और 2029-30 तक 28 लाख टन तक पहुंच जाएगी।
भारत(India), दुनिया में खाने के तेल (edible oil) का सबसे बड़ा आयातक है। वह अपनी सालाना जरूरत का 60 प्रतिशत तेल आयात करता है। लेकिन सरकार अब इस स्थिति को बदलना चाहती है। यही वजह है कि किसानों को पाम ऑयल की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Narendra Modi) ने किसानों से देश की खाद्य तेल के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने का आह्वान किया है। खाने वाले तेलों के मामले में भारत के आयात का दो तिहाई हिस्सा केवल पाम ऑयल का है। भारत सालाना करीब 90 लाख टन पाम ऑयल (Palm Oil) का आयात करता है। सरकार चाहती है कि भारत के किसान पाम ऑयल की खेती करें ताकि खाने के तेल का आयत न करना पड़े।