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काशी महाकाल एक्सप्रेस में एक सीट भगवान शिव के नाम आरक्षित रखने पर ओवैसी जताया ऐतराज

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‘काशी महाकाल एक्सप्रेस’ ट्रेन में एक सीट भगवान शिव के नाम आरक्षित है। साथ ही उस सीट में कोई व्यक्ति न बैठे इसलिए उस सीट पर भगवान शिव का मंदिर बनाया गया है। इसको लेकर अब राजनीति शुरू हो गई है। ऐसे में एआईएमआईएम प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय को टैग करते हुए संविधान की प्रस्तावना को ट्वीट किया है।

आपको बता दें कि सन् 1976 में 42वें संविधान संशोधन अधिनियम में भारतीय संविधान की प्रस्तावना में तीन नए शब्द समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और अखंडता को जोड़ा गया था। ओवैसी ने इसी धर्मनिरपेक्ष शब्द को आधार बनाकर IRCTC द्वारा संचालित इस ट्रेन में भगवान के मंदिर की स्थापना से आपत्ति जताई।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को वाराणसी से ‘काशी महाकाल एक्सप्रेस’ ट्रेन को वीडियो कॉन्फ्रेन्स के जरिए हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि देशभर में आस्था से जुड़े स्थलों के विकास के लिए काम किया जा रहा है। इस ट्रेन की कॉमर्शियल शुरुआत 20 फरवरी से होगी। वाराणसी से इंदौर के लिए यह ट्रेन तीन ज्योतिर्लिंगों काशी, महाकालेश्वर और ओंकारेश्वर को जोड़ेगी। इस ट्रेन में यात्रियों को कैसेट के माध्यम से भजन-कीर्तन भी सुनाने की व्यवस्था की गई है।

रेलवे के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक अश्विनी श्रीवास्तव ने कहा, “महाकाल एक्सप्रेस में यात्रियों का खास ख्याल रखा गया है। इसमें चलने वाले यात्रियों के मनोरंजन और अध्यात्मिक अहसास के लिए भजन-कीर्तन का आयोजन होगा। शुरुआती दिनों में एक मंडली जाएगी, जो भजन-कीर्तन गाएगी। इसके बाद लगातार कैसेट के माध्यम से अनांउसमेंट के जरिए लोग भजन-कीर्तन सुन सकेंगे।” उन्होंने बताया कि काशी महाकाल एक्सप्रेस यूपी और मध्य प्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थलों को जाने वाले पर्यटकों को बेहतर सुविधा देगी। इससे दोनों ही प्रदेशों के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

20 फरवरी से चलाई जाने वाली काशी-महाकाल एक्सप्रेस में आठ तीर्थस्थलों का भ्रमण कर सकते हैं। आईआरसीटीसी ने वाराणसी, अयोध्या, प्रयागराज, इंदौर, उज्जैन, भोपाल के धार्मिक और पर्यटन स्थलों के लिए पैकेज तैयार किया है। काशी दर्शन-एक का पैकेज 6010 रुपये का होगा, जिसमें वाराणसी के घाट, काशी विश्वनाथ मंदिर, संकट मोचन मंदिर, दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती शामिल है। काशी दर्शन-दो का पैकेज 8110 रुपये का, जिसमें सारनाथ के दर्शन को जोड़ा गया है। काशी-प्रयाग दर्शन 10 हजार 50 रुपये का है, जिसमें काशी दो के स्थानों के साथ प्रयाग का संगम तट है।

इस ट्रेन के हर कोच में 5 सुरक्षाकर्मी तैनात होंगे, कुल 1080 सीटें होंगी। न्यूनतम किराया 1629 रु. होगा। ट्रेन हफ्ते में दो दिन मंगलवार और गुरुवार को वाराणसी से चलेगी। ट्रेन में 9 एसी थ्री कोच, पैंट्री कार, दो ब्रेकवॉन कोच होंगे। ‘काशी महाकाल एक्सप्रेस’ आईआरसीटीसी की निजी ट्रेन है। और इस ट्रेन में भगवान शिव के लिए एक सीट आरक्षित रखी गई है।

ऐसा पहली बार हुआ है कि भगवान के नाम पर ट्रेन में कोई सीट आरक्षित की गई हो। इस बात की पुष्टि उत्तर रेलवे के प्रवक्ता दीपक कुमार ने की है। उन्होंने बताया है कि ट्रेन के काेच बी5 में सीट नंबर 64 काे भगवान भाेले बाबा के लिए आरक्षित रखा गया है। लाेगाें काे इसकी जानकारी रहे, इसके लिए सीट पर भगवान शिव का छोटा सा मंदिर भी बनाया गया है। इसके अलावा इसमें यात्रियों का स्वागत करने के लिए भगवा-पीले वस्त्र धारण किए पुरुष ट्रेन होस्ट मौजूद रहेंगे।

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