बिहार विधानसभा में 5 सीट जीतकर चर्चाओं में आई ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम का कद निश्चित तौर पर बढ़ा है । लेकिन वहीं दूसरी तरफ पार्टी के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी पर आरोप भी लगे हैं। बिहार विधानसभा में परिणाम आने से पहले उन पर वोटकटवा के आरोप लगे थे । उसके बाद विरोधी दलों के नेताओं ने उन्हें भाजपा की बी टीम करार दिया ।
हालांकि बिहार के सीमांचल से 20 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़कर 5 सीट जीतने वाले ओवैसी ने इन अफवाहों को आईना दिखा दिया। लेकिन वहीं दूसरी तरफ वह अपनों का विश्वास नहीं जीत पाए । बिहार में मिली सफलता के बाद फिलहाल पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रहे ओवैसी अब अपनों के निशाने पर ही आ गए ।
गत दिनों उनकी पार्टी के कई प्रमुख नेता एआईएमआईएम छोड़कर टीएमसी में चले गए। इससे मुस्लिमों का विश्वास एक बार फिर उनसे डगमगा गया। पश्चिम बंगाल में ओवैसी की पार्टी के प्रमुख नेता अनवर पाशा अपने समर्थकों के साथ टीएमसी में जब शामिल हुए तो लोगों को एक बार विश्वास ही नहीं हुआ । क्योंकि अनवर ओवैसी के खास माने जाते हैं। हद तो तब हो गई जब अनवर पाशा ने यह तक कह दिया कि बिहार चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को सत्ता में आने में ओवैसी ने मदद की है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह बहुत ही खतरनाक खेल है और बंगाल में इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती।
यहां तक की अनवर पाशा ने कहा कि बंगाल खून से लाल हो जाएगा । क्योंकि यह 30 प्रतिशत अल्पसंख्यक रहते हैं। इसलिए ऐसी ताकतों को रोकना बहुत ही जरूरी हो गया है। हालांकि जब बिहार में 5 विधानसभा सीट उनकी पार्टी की झोली में आई तो मुस्लिमों में एक विश्वास यह भी जगा कि वह अल्पसंख्यको के राष्ट्रीय नेता सिद्ध हो सकते हैं।