पिछले महीने असम में हुई घटना को लेकर इस्लामिक सहयोग संगठन (organisation of islamic cooperation -OIC ) ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से भारत सरकार की आलोचना की है। अपने ट्वीट में ओआईसी ने भारत के पूर्वोत्तर राज्य असम के दरांग जिले में सरकारी जमीन से सैकड़ों मुसलमान परिवारों को हटाने के दौरान हुई पुलिस कार्रवाई को ‘व्यवस्थित तरीके से चल रहे उत्पीड़न’ करार दिया है। पुलिस की इस कार्रवाई के दौरान मुसलमान परिवारों के दो सदस्यों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद असम सरकार ने इस मामले की न्यायिक जांच के आदेश देते हुए कहा कि गुवाहाटी हाईकोर्ट के सेवानिवृत जज के नेतृत्व में जांच होगी।
इसी मामले को लेकर 7 अक्टूबर, गुरुवार शाम को ट्विटर पर ओआईसी (OIC) ने एक बयान जारी किया। जिसमें ओआईसी ने इस मामले की मीडिया कवरेज को शर्मनाक बताते हुए भारत सरकार से जिम्मेदारी भरे बर्ताव की अपील की है।
साथ ही अपने बयान में भारत सरकार से मुस्लिम अल्पसंख्यकों को सुरक्षा मुहैया कराने और उनके सभी धार्मिक और सामाजिक मौलिक अधिकारों का सम्मान करने का आग्रह किया है। उनके द्वारा राष्ट्रीय संप्रभुता के भीतर किसी मुद्दे को सुलझाने का सबसे बेहतरीन जरिया आपसी बातचीत को बताया गया है। अभी तक भारत के तरफ से इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
#OIC General Secretariat condemned the "systematic persecution and violence" ramping up against the Muslim community in #Assam, #India, claiming lives of Muslims, during protests against an eviction drive of hundreds of Muslim families from the state. pic.twitter.com/0EZWqmKj5u
— OIC (@OIC_OCI) October 7, 2021
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क्या है असम मामला ?
भारत के पूर्वोत्तर राज्य असम के दरांग जिले के धौलपुर गांव में 23 सितंबर को अवैध अतिक्रमण हटाने के दौरान हिंसक झड़प देखने को मिली थी। जिसमें एक शख्स की मौत पुलिस की गोली से हुई थी। असम प्रशासन के 8 पुलिसकर्मी घायल हुए थे। जिसके बाद असम सरकार ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं। जांच गुवाहाटी हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज के नेतृत्व में की जाएगी।
ये पहली बार नहीं है जब ओआईसी ने भारत के आंतरिक मामलों को लेकर बयान जारी किया है। इससे पहले ओआईसी द्वारा जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को निरस्त करने के फैसले का विरोध किया गया था। लेकिन भारत ने इसे हमेशा अपना आंतरिक मामला बताया है।
ओआईसी क्या है ?
ओआईसी दुनिया भर के 57 मुस्लिम बहुल देशों का संगठन है। ओआईसी में सऊदी अरब और उसके सहयोगी देशों का दबदबा है। ओआईसी का उद्देश्य दुनिया में अंतर्राष्ट्रीय शांति और सद्भाव को बनाए रखते हुए मुसलमानों के हितों की सुरक्षा करना है। इस समूह के सदस्य केवल मुस्लिम देश ही हो सकते हैं।
वर्ष 2018 में बांग्लादेश ने ओआईसी के सामने सुझाव रखा था कि दुनिया भर के मुसलमानों की कुल आबादी के 10 प्रतिशत से ज़्यादा लोग भारत में रहते हैं। इसलिए भारत को ऑब्जर्वर देश के तौर पर शामिल किया जाना चाहिए। हालांकि पाकिस्तान के विरोध के चलते यह यह संभव नहीं हो सका ।लेकिन वर्ष 2009 में ओआईसी के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में भारत की तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पहली बार गेस्ट ऑफ़ ऑनर के तौर पर शामिल हुई थीं।