टेलीविजन न्यूज चैनलों पर होने वाली बहसों को लेकर विपक्षी पार्टियों के नेताओं को अक्सर इस बात की शिकायत रही है कि भाजपा प्रवक्ता सवालों का सीधा-सीधा जवाब देने के बजाए बहस को अपने धार्मिक एजेंडे पर ला देते हैं या फिर तनावपूर्ण माहौल बनाकर उलझा देते हैं। इससे बहसें बेनतीजा हो जाती हैं। भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा को लेकर खासतौर पर इस तरह की शिकायत रही है। सूत्रों के मुताबिक विपक्षी पार्टियों के कार्यकर्ता भी अब यही चाहते हैं कि उनके प्रवक्ता जैसे को तैसा वाली भाषा में ही संबित पात्रा को जवाब दें। बताया जाता है कि कई प्रवक्ता कार्यकर्ताओं की इस बात से सहमत हैं। वे अब अब इस मूड में भी बताए जाते हैं कि संबित पात्रा को उन्ही की भाषा में जवाब दिया जाए। उन्हीं के स्टाइल में बहसें की जाएं।
माना जाता है कि संबित पात्रा टीवी चैनल्स पर होने वाली बहसों में खास स्टाइल अपनाते हैं। वे बड़ी चतुराई से या तो विरोधियों को चुप करा देते हैं या फिर ऐसा अहसास कराते हैं कि विपक्षी उनके सामने कमजोर हैं। अपने इस खास स्टाइल के लिए वे अक्सर सोशल मीडिया पर भी चर्चा में बने रहते हैं। बताया जाता है कि विपक्षी पार्टियों के कार्यकर्ता चाहते हैं कि उनके प्रवक्ता बहसों में संबित पात्रा को उसी तरह चुप करने का काम करें जैसे कि कुछ माह पहले एक कार्यक्रम में कांग्रेस प्रवक्ता गौरव बल्ल्भ ने किया था। उस समय संबित पात्रा सोशल मीडिया पर खूब ट्रोल हुए थे।
गौरतलब है कि एबीपी न्यूज चैनल के कार्यक्रम ‘शिखर सम्मेलन’ की बहस के दौरान लाइव डिबेट में कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने संबित पात्रा से पूछा कि‘आपकी सरकार फाइव ट्रिलियन डॉलर का नारा दे रही है, तो चलिये आप ही बता दीजिए कि पांच ट्रिलियन में कितने जीरो होते हैं?’ इस पर संबित पात्रा असहज हो गए थे और उन्होंने टालने की कोशिश की कि जाकर राहुल गांधी से पूछ लीजिए। लेकिन गौरव बल्ल्भ भी कहां मानने वाले थे। उन्होंने आक्रामक रुख अपनाते हुए कहा कि आपसे सवाल पूछा जा रहा है तो आप कह रहे हैं कि राहुल गांधी से पूछ लीजिए। आपकी सरकार के 100 दिन के अंदर ही देश की अर्थव्यवस्था लुढ़क गई है। आपसे सवाल पूछा जा रहा है तो आप जवाब देने के बजाए सवाल टाल रहे हैं। ऐसे कैसे चलेगा। बाद में कांग्रेस प्रवक्ता ने बता भी दिया था कि पांच ट्रिलियन में कितने जीरो होते हैं।