कुछ दिन पहले ही पश्चिम बंगाल में शिक्षा भर्ती घोटाले को लेकर ममता सरकार में मंत्री रहे पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के घर में ईडी की छापेमारी में करोड़ों रुपए बरामद किये गए थे। जिसकी आंच ममता तक पहुंच चुकी है। ऐसे में राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की दिल्ली यात्रा से विपक्षी दलों में हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस और वाम दल सीएम बनर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात को लेकर ‘मैच फिक्सिंग’ जैसे दावे कर रहे हैं। विपक्षी पार्टियां तृणमूल कांग्रेस पार्टी सुप्रीमो के इस दौरे को प्रवर्तन निदेशालय की हालिया कार्रवाई से जोड़ रही हैं। सीएम बनर्जी चार दिनों के लिए राजधानी पहुंची हैं। वह यहां नीति आयोग की बैठक में शामिल होंगी और अपनी पार्टी के सांसदों से भी मिलकर फ्लोर स्ट्रैटेजी तैयार करेंगी।
बंगाल कांग्रेस के प्रवक्ता रित्जू घोषाल ने कहा, ‘यह मैच फिक्सिंग 2016 बंगाल विधानसभा चुनाव से जारी है। ईडी ने कोयला घोटाला मामले में अभिषेक बनर्जी से केवल दो बार पूछताछ की है। जबकि, सोनिया गांधी और राहुल से बगैर किसी आधार के नेशनल हेराल्ड मामले में हर रोज परेशान किया जा रहा है।’ कांग्रेस को कमजोर करने के लिए भाजपा टीएमसी जैसी क्षेत्रीय पार्टियों को मजबूत कर रही है। टीएमसी ने गोवा और त्रिपुरा में चुनाव केवल विपक्षी दलों को बांटने के लिए लड़े थे।’
इधर, सीपीआई (एम) के बंगाल सचिव मोहम्मद सलीम ने कहा, ‘यह मीटिंग मैच फिक्सिंग व्यवस्था का हिस्सा है, जो सालों से चल रही है। यह कहा जा रहा है कि बनर्जी, मोदी से राज्य की मांगों को लेकर चर्चा करना चाहती हैं। इस मामले में आमने-सामने की बैठक क्यों? नौकरशाहों को मौजूद रहना चाहिए। इससे पहले सचिव स्तरीय बैठक होनी चाहिए। यह सभी सैटिंग का हिस्सा है। जनता को बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता।’
गौरतलब है कि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने भतीजे अभिषेक बनर्जी के साथ 4 दिवसीय यात्रा के लिए गुरुवार को ही दिल्ली पहुंच चुकी है । दिल्ली पहुँचने के बाद ममता ने अपने पार्टी के सांसदों से मुलाकात की और कल यानी 6 अगस्त को उपराष्ट्रपति और 2024 लोकसभा चुनाव और मौजूदा समय में चल रहे मानसून सत्र को लेकर विचार विमर्श किया। बैठक के दौरान अभिषेक बनर्जी ने सत्र के दौरान उठाए जाने वाले मुद्दों को लेकर सुझाव दिया। साथ ही अपने सांसदों से अपील भी की कि वो सत्र के दौरान भाजपा से न डरे। इस यात्रा के दौरान ममता बनर्जी पहले प्रधानमंत्री और फिर द्रौपदी मुर्मू समेत डीएमके , टीआरएस और आम आदमी पार्टी विपक्षी दलों के साथ बैठक करेंगी। इसी बीच तृणमूल सांसद (केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री) गिरिराज सिंह से मिले थे। उन्होंने 48 घंटे के भीतर मनरेगा मुद्दे को हल करने का वादा किया था। एक महीने से अधिक हो गया है और मुझे जो कुछ मिला है वह जवाबी पत्र है, जिसे मैंने ममता बनर्जी को दे दिया है।द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति बनने के बाद ममता बनर्जी पहली बार उनसे मुलाकात कर रही है।
अपने राज्य को महंगाई और जीएसटी की मार से बचाने के लिए ममता बनर्जी प्रधानमंत्री से अपने राज्य में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के बकाये सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करेंगी। उसके बाद 7 अगस्त को बेनर्जी प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता वाली नीति आयोग की बैठक में शामिल होंगी। बैठक में कृषि, स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
जिन विपक्षी दलों के साथ ममता बैठक करने वाली है उनमे कांग्रेस शामिल नहीं है। हालांकि की संभावना जताई जा रही है कि ममता बनर्जी गर्मजोशी के साथ कांग्रेस की राष्ट्र्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मिल सकती हैं।
पीएम मोदी के साथ टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी की बैठक को लेकर विपक्षी दल आरोप लगा रहे हैं कि तृणमूल के कई दिग्गज नेताओं खिलाफ सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा की जा रही कार्रवाई के बीच ममता बनर्जी का दिल्ली दौरा ‘मैच फिक्सिंग का हिस्सा’ है।
गौरतलब है कि ईडी ने कोयला घोटाला मामले में अभिषेक बनर्जी से केवल 2 बार पूछताछ की है। जिसे लेकर टीएमसी में उथल -पुथल होती रही है। कोयला घोटाले और उससे जुड़े करोड़ो रुपयों की जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी और उनके परिवार से लम्बे समय से ही पूछतांछ कर रही है। लेकिन अभी तक टीएमसी “ईडी ” से निजात नहीं पा सकी। प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पूछताछ से परेशान होकर राज्य की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस ने बीजेपी पर कई बार आरोप लगाए थे कि ,”केंद्र सरकार राजनीतिक प्रतिशोध के चलते एजेंसी के दुरुपयोग करती आयी है। सीबीआई और ईडी बीजेपी के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं और राजनीतिक विरोधियों को प्रताड़ित कर रहे हैं। लेकिन ममता बनर्जी का अचानक नरेंद्र मोदी के साथ बैठक करना विपक्षी दलों को रास नहीं आ रहा है। इसके कारण वो ममता बनर्जी को लगातार घेरे रहे हैं ।
वहीं टीएमसी ने विपक्षी दलों द्वारा लगाए गए इन आरोपों को ख़ारिज किया है। तृणमूल के राज्य महासचिव कुणाल घोष ने इन आरोपों को लेकर कहा है कि बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य ने अपने सीएम के कार्यकाल के दौरान कई प्रधानमंत्रियों से मुलाकात की थी। तो क्या इसका मतलब यह हुआ कि वह भी मैच फिक्स कर रहे थे?’