नई दिल्ली। कोरोना महामारी के चलते जहां एक ओर लोगों के लिए घर चलाना कठिन हो रहा है, वहीं दूसरी तरफ ऑनलाइन पढ़ाई ने उनके ऊपर हजारों रुपये का अतिरिक्त खर्च भी लाद डाला है। गरीब और निम्न वर्ग के लोगों को इससे बहुत परेशानी हो रही है। पैसे वालों की तरह ही उन्हें भी अपने बच्चों के लिए लैपटॉप, एंडरॉयड फोन या टैब के लिए बाजारों में भटकना पड़ रहा है। इन महंगी चीजों के दाम उनके बूते से बाहर होने के चलते वे सेकेंड हैंड की तलाश में भी जुटे हुए हैं।
दरअसल, देश में कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन लगाया गया था। जिसके चलते सभी स्कूल, कॉलेज, सिनेमाघर या अन्य भीड़ वाली जगहों को बंद किया गया था। लॉकडाउन के कारण देश की अर्थव्यवस्था काफी हिल गई थी। हालांकि अभी भी देश की अर्थव्यवस्था अच्छी स्थिति में नही है। कुछ महीनों बाद सरकार ने देश को अनलॉक करने का फैसला किया, परंतु अनलॉक की गाइडलॉइन में स्कूल, कॉलेज खोलने का प्रावधान शामिल नहीं था। स्कूल बंद होने के कारण बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा के द्दारा पढ़ाया जा रहा है। जिसके बाद बच्चों और अभिवावकों के लिए ऑनलाइन शिक्षा कॉफी खर्चीली हो गई है। ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त कर रहे बच्चों के घरों का हजारों रुपये का अतिरिक्त खर्चा बढ़ गया है। गर्मी की छुट्टियों के बाद स्कूलों में ऑनलाइन शिक्षा शुरु हो चुकी है। हर माता-पिता को अपने बच्चों के लिए लैपटॉप, एंडरॉयड फोन या टैब लेकर देना पड़ रहा है। बाजार में इन्हें खरीदने की होड़ लगी हुई है।
हालांकि भारत में सभी अभिभावक अपने बच्चों को इतनी खर्चीली शिक्षा दिलाने में असमर्थ हैं, लेकिन जिन बच्चों के माता-पिता ऑनलाइन शिक्षा एफोर्ड कर सकते हैं वह अपने बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा मुहैया करवा रहे हैं। सोनीपत के दुकानदारों का कहना है कि इस महीने में बाजार में करीब 25 लाख से ज्यादा का मुनाफा हुआ है। उन्होंने बताया कि बाजार में 250 के करीब दुकानें है। दुकानों पर प्रत्येक दिन अब 25 से ज्यादा लैपटॉप तथा 40 के करीब टैब और 25-30 डेस्कटाप बिक रहे हैं। जिन बच्चों के माता पिता ज्यादा खर्च करने में सक्षम नहीं हैं वह अपने बच्चों को सेकेंड हेंड मोबाइल या लैपटॉप खरीदकर दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह बाजार आने वाले दो महीनों में एक करोड़ रुपए का कारोबार कर जाएगा।
बाजार के कुछ और दुकानदारों ने बताया कि मोबाइल, लैपटॉप और टैब को लेकर डिमांड़ इतनी ज्यादा हो गई है कि हमारा स्टॉक तक खत्म हो गया है। आज बाजार में जो लैपटॉप 33 हजार का बिकता था, अब वही लैपटॉप 36 हजार के करीब बिक रहा है। उन्होंने बताया कि पुराने लैपटॉप, मोबाइल भी काफी अच्छे दामों पर बिक रहे है। ऑनलाइन शिक्षा मंहगी होने के बाद अभिवावकों का रुख सरकारी स्कूलों की तरफ बढ़ा है। ज्यादतर माता-पिता अपने बच्चों का एडमिशन सरकारी स्कूलों में करवा रहे हैं।