पढ़ाई में तीन में से लगभग एक महिला ने अपने पूरे जीवनकाल में शारीरिक या यौन हिंसा का अनुभव किया है। इतना ही नहीं अब तक भी महिलाओं को ये सब से दो चार होते हैं। इसी पर 9 मार्च को संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी और उसके साझेदारों द्वारा एक नए अध्ययन पर आधारित रिपोर्ट जारी की गई।
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि यह अध्ययन महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा पर सबसे बड़ा अध्ययन है। इस रिपोर्ट में केवल वर्ष 2010 से 2018 की अवधि का भाररा दिया गया है। इसमें यह भी पाया गया कि जो लड़कियां किसी रिश्ते में थीं उनसे उनमें एक चौथाई ने करीब 25 साल की उम्र पूरी होने तक अपने साथी द्वारा हिंसा का अनुभव किया।
अध्ययन के अनुसार, महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा के मामले काफी तेजी से बढे हैं। लॉकडाउन भी रहा है, क्योंकि महिलाएं इन दिनों केवल घरों में ही थीं। जिससे घेरलू हिंसा काफी हद तक बढ़ गई।
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडहेनोम ग्रेबेयेसुस ने कहा, ‘महिलाओं के खिलाफ हिंसा हर देश और संस्कृति में है, जिससे लाखों महिलाओं और उनके परिवारों को नुकसान पहुंचा है और कोविड-19 महामारी के चलते यह बढ़ गई है। ’
उन्होंने सरकारों, व्यक्तियों और समुदायों से समस्या का समाधान करने में सहयोग करने की अपील की है।