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ओमप्रकाश चौटाला ने किसान आंदोलन में कूदकर शुरू की नई सियासी पारी 

कभी हरियाणा की राजनीति में सिरमौर नेता रहे ओम प्रकाश चौटाला एक बार फिर से राजनीति की मुख्यधारा में लौट रहे हैं। 10 साल तक जेल की सजा काटने के बाद वह आज किसान आंदोलन में शिरकत करके अपनी सियासी पारी की शुरुआत कर रहे हैं। किसान आंदोलन के दो बड़े सेंटर हरियाणा के पलवल और गाजीपुर बॉर्डर पर वह किसानों के बीच अपना समर्थन देने पहुंचे। जहां उन्होंने किसानों के धरने में शामिल होकर एक बार फिर किसान राजनीति का बिगुल बजा दिया है।
 ओम प्रकाश चौटाला हरियाणा के चार बार के सीएम रह चुके हैं। उनकी पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल फिलहाल मृतप्राय पड़ी है। हालांकि ओम प्रकाश चौटाला के जेल जाने के बाद उनके छोटे पुत्र अभय चौटाला ने पार्टी की कमान संभाली। लेकिन वह पूर्व की भांति पार्टी को समस्त हरियाणा में सक्रिय नहीं कर पा रहे थे।  कहा जाने लगा था कि चौटाला की इंडियन नेशनल लोकदल सिर्फ एक जिले तक ही सीमित होकर रह गई है। फिलहाल एक बार फिर चौटाला इंडियन नेशनल लोकदल को जीवित करने की जद्दोजहद में जुट गए हैं।
ओमप्रकाश चौटाला
यहां यह यह भी बताना जरूरी है कि वर्ष 2013 में ओम प्रकाश चौटाला को 10 साल की सजा हुई थी। जिसमें उन्हें हरियाणा में हुई जेबीटी (जूनियर बेसिक ट्रेड ) की भर्ती में आरोपी ठहराया गया था। सन 1999 से लेकर 2000 तक हरियाणा में 3206 जेबीटी शिक्षकों की भर्ती की गई थी। उस दौरान हरियाणा के सीएम ओम प्रकाश चौटाला ही थे।
तब चौटाला पर शिक्षक भर्ती में भ्रष्टाचार करने के आरोप लगे थे। जिसके चलते जांच हुई। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि ओम प्रकाश चौटाला ने हरियाणा का मुख्यमंत्री रहते डीबीटी भर्ती कराने के लिए तय मानकों के विपरीत काम किया। इसमें जो शिक्षकों के लिए कोर्स किया जाना जरूरी था उसकी जरूरत नहीं समझी गई। ओम प्रकाश चौटाला ने तब 18 जिलों की चयन समिति बनाई। जिसमें उन्होंने सभी 18 जिलों के अध्यक्षों को हरियाणा भवन में बुलाकर एक लिस्ट तैयार कर ली। इस लिस्ट में अंकित किए गए नामों को ही जेबीटी शिक्षक बना दिया गया।  जांच में यह स्पष्ट हुआ कि ओम प्रकाश चौटाला ने इस भर्ती के अयोग्य लोगों से पैसा लिया और उन्हें शिक्षक बना दिया। इसके बाद वह 10 साल तक जेल में रहे। कुछ दिन पहले ही वह तिहाड़ जेल से सजा पूरी करने के बाद लौटे हैं।
 जब ओम प्रकाश चौटाला जेल में थे तब उनके दूसरे पुत्र अजय चौटाला के बेटे दुष्यंत चौटाला ने इंडियन नेशनल लोकदल से बगावत कर दी थी। इंडियन नेशनल लोकदल से बगावत करने के बाद दुष्यंत चौटाला ने नई पार्टी जन नायक जनता पार्टी का गठन कर लिया । इसके बाद दुष्यंत चौटाला के गत विधानसभा चुनाव में आठ विधायक जीते थे। दुष्यंत ने भाजपा से पैक्ट किया। इसके चलते ही आज उनकी पार्टी हरियाणा में भाजपा सरकार की सहयोगी पार्टी बनी हुई है । साथ ही दुष्यंत चौटाला को हरियाणा में उप मुख्यमंत्री बनाया गया है।
 जब से किसान आंदोलन शुरू हुआ तब से कयास लगाए जा रहे थे कि अपने विरासत की राजनीति को आगे बढ़ाते हुए दुष्यंत चौटाला भाजपा से अलग होकर किसान आंदोलन को समर्थन देंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। दुष्यंत चौटाला आज भी सत्तारूढ़ भाजपा के साथ बने हुए हैं।
फिलहाल, ओम प्रकाश चौटाला किसान आंदोलन में शरीक होकर यह मैसेज देना चाहते हैं कि वह किसानों के हित चिंतक हैं। वह पहले से ही किसानों की राजनीति करते रहे हैं। क्योंकि हरियाणा में किसान वर्ग बहुलता में है। उनकी पार्टी का वोट बैंक भी किसान रहा है। ऐसे में वह एक बार फिर किसानों को अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिशों में जुट गए हैं।
 ओम प्रकाश चौटाला यह बखूबी जानते हैं कि इस समय प्रदेश में सबसे बड़ा आंदोलन कोई चल रहा तो वह किसान आंदोलन ही है। इसलिए पार्टी को वह किसान आंदोलन के बलबूते फिर से खड़ी करने का सपना संजोए हुए हैं। याद रहे कि किसान आंदोलन में ओम प्रकाश चौटाला के पुत्र अभय चौटाला पहले से ही सक्रिय रहे हैं। अभय समय-समय पर गाजीपुर बॉर्डर सहित कई जगह चल रहे आंदोलनों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते रहे हैं।

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