जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला को मंगलवार को रिहा कर दिया गया। बाहर आने के बाद उमर मीडिया से मुखातिब हुए। उमर अब्दुल्ला ने मीडिया से बात करते हुए कोरोना को लेकर कहा कि सभी अपने घर में रहे। आज सुबह राज्य सरकार ने उमर अब्दुल्ला की रिहाई का आदेश जारी किया था। उमर को घाटी में धारा 370 हटाने के बाद पिछले 8 महीने से नजरबंद रखा गया था। उन्हें श्रीनगर में पीएसए के तहत हिरासत में रखा गया था। उनके पिता और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को भी पिछले सप्ताह रिहा किया गया था। पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को भी हिरासत में रखा गया था।
फारुक अब्दुल्ला को 13 मार्च को रिहा किए गए थे। जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद 5 अगस्त, 2019 को उमर अब्दुला और उनके पिता फारूक अब्दुल्ला समेत राज्य के कई नेताओं को हिरासत में लिया गया था। उमर पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने अपने ट्वीट के जरिए लोगों को भड़काने का काम किया था। रिहाई के बाद उमर में कई ट्वीट किए हैं।
Had lunch with my mum & dad for the first time in almost 8 months. I can’t remember a better meal even though I’ve been in a bit of a daze & don’t remember what I ate ☺️ pic.twitter.com/W4duuhCVjI
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) March 24, 2020
गौरतलब है कि उमर अब्दुल्ला की बहन सारा अब्दुल्ला पायलट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली थी। सारा पब्लिक सेफ्टी एक्ट 1978 (पीएसए) के तहत अपने भाई की हिरासत में रखने को चुनौती दी थी। उसके बाद याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन से पूछा था कि अगले हफ्ते तक आप बताएं कि उमर अब्दुल्ला को रिहा किया जा रहा है या नहीं? साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि अगर आप उमर अब्दुल्ला को रिहा कर रहे हैं तो उन्हें जल्द रिहा करें वरना उनकी हिरासत के खिलाफ उनकी बहन की याचिका पर हम सुनवाई करेंगे।
We face the fight of our lives over the next few weeks & months as we come to terms & work to defeat #COVIDー19. I will do everything in my individual capacity to help the authorities overcome this challenge & I appeal to all of you to do the same.
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) March 24, 2020
सारा अब्दुल्ला ने अपनी याचिका में कही थी कि उमर अब्दुल्ला के आधिकारिक फेसबुक अकाउंट से कोई पोस्ट नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि हिरासत में बंद व्यक्ति के खिलाफ इस्तेमाल की गई एकमात्र सामग्री उनके सोशल मीडिया पोस्ट हैं। जिन पोस्ट पर भरोसा किया गया है। उसका कोई अस्तित्व ही नहीं है और गलत और दुर्भावनापूर्ण तरीके से इसे उनका बताया गया है।
बता दें कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और उमर अब्दुल्ला के पिता फारूक अब्दुल्ला को 13 मार्च को नजरबंदी से रिहा किया गया था। फारूक की हिरासत अवधि तीन बार बढ़ाई गई थी। रिहाई के बाद फारूक ने कहा था – “उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती की रिहाई के बिना ये आजादी अधूरी है। अब मैं संसद में लोगों की आवाज उठाऊंगा।”
आठ विपक्षी पार्टियों ने 9 मार्च को केंद्र से मांग की थी कि जम्मू-कश्मीर के तीनों पूर्व मुख्यमंत्रियों फारूक, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को तत्काल रिहा किया जाए। जिसके ठीक चार दिनों के बाद ही फारूक अब्दुल्ला को रिहा किया गया था। विपक्षी नेताओं ने कहा था कि ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं कि इन लोगों की गतिविधियों ने राष्ट्रीय हितों को खतरे में डाला हो। विपक्ष नेताओं में राकांपा अध्यक्ष शरद पवार, तृणमूल अध्यक्ष ममता बनर्जी, जेडीएस नेता एचडी देवेगौड़ा, सीपीएम नेता सीताराम येचुरी, सीपीआई के डी राजा, राजद नेता मनोज झा, पूर्व भाजपा नेता यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी थे।