धूम्रपान वायु प्रदूषण जितना ही हानिकारक है। सिगरेट जैसी वस्तुओं पर टैक्स बढ़ाने के लिए दुनिया भर में जागरूकता अभियान अक्सर चलाए जाते हैं, लेकिन हाल ही लेसेन्ट पत्रिका के एक सर्वेक्षण में पाया गया है कि इन अभियानों का बहुत कम उपयोग होता है। 2019 में धूम्रपान के कारण 80 लाख लोगों की मौत होने का अनुमान है। हालांकि नए शोध के मुताबिक धूम्रपान करने वाले युवाओं का अनुपात तेजी से बढ़ रहा है।
1990 के बाद से अगले नौ वर्षों में, धूम्रपान करने वालों की संख्या में 1.50 मिलियन की वृद्धि हुई है। धूम्रपान करने वालों की संख्या अब 1.1 अरब हो गई है, जिसमें 89 प्रतिशत नए धूम्रपान करने वालों की आयु 25 वर्ष है। हालांकि पिछले तीन दशकों में वास्तविक धूम्रपान में गिरावट आई है, 20 देशों में पुरुष धूम्रपान करने वालों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है, जबकि 12 देशों में धूम्रपान करने वाली महिलाओं की संख्या में वृद्धि हुई है।
दुनिया के केवल 2/3 धूम्रपान करने वाले 10 देशों में हैं। इसका नेतृत्व चीन और भारत करते हैं, इसके बाद इंडोनेशिया, संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, बांग्लादेश, जापान, तुर्की, वियतनाम और फिलीपींस हैं। चीन में हर तीन लोगों पर एक धूम्रपान करने वाला है। अध्ययन में पाया गया कि धूम्रपान से हृदय रोग से 1.7 मिलियन, फुफ्फुसीय रोग से 1.6 मिलियन, श्वसन और फेफड़ों के कैंसर से 1.3 मिलियन और स्ट्रोक से 1 मिलियन लोगों की मृत्यु हुई।