देश में बांग्लादेशी और रोहंग्या मुस्लिमों, घुसपैठियों का मुद्दा इन दिनों गरमाया हुआ है। इसी को लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि चाहे बांग्लादेशी हो या रोहंग्या, हर घुसपैठिये को छांट-छांट कर देश की सीमा से निकाल बाहर किया जाएगा।उन्होंने राज्य की जनता से भी आह्वान करते हुए कहा ‘अगर कहीं आपको ऐसे संदिग्ध व्यक्ति लगते हैं तो आप सरकार को सूचित करें. हम एक-एक को बाहर करेंगे।
प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत इससे पहले भी इस मुद्दे पर बोल चुके हैं, अगस्त में असम के एनआरसी के अंतिम मसौदे में बाहर किए गए 40 लाख लोगों के मामले पर मचे सियासी घमासान के बीच उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री ने भी बड़ा बयान दिया था। राज्य में एक समुदाय या संप्रदाय विशेष की जनसंख्या जिस तेजी से बढ़ी है, उससे आशंका है कि ये बांग्लादेश के घुसपैठिये हैं।
त्रिवेंद्र सिंह रावत ने साफ किया है कि राज्य में भी एनआरसी लागू हो सकता है। त्रिवेन्द्र ने कहा ‘कि इस बारे में मंत्रिमंडल से विचार विमर्श करेंगे। उसके बाद ही इस बारे में कोई फैसला लिया जाएगा। ‘गौरतलब है कि हरियाणा और उत्तर प्रदेश के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने भी एनआरसी लागू करने की बात कही है।
एनआरसी को घुसपैठ रोकने का सबसे अच्छा तरीका बताते हुए उन्होंने कहा कि उत्तराखंड भी अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से घिरा है। जरूरत पड़ी तो उत्तराखंड भी एनआरसी लागू करेगा।उल्लेखनीय है कि राज्य के उधम सिंह नगर जिले के कई क्षेत्रों में बंगलादेशी लोगों की संख्या अधिक है। बंगलादेश के गठन के वक्त काफी तादात में लोग उत्तराखंड भी आए थे।