भाजपा और शिवसेना के मध्य पूरे पच्चीस बरस तक गठबंधन रहा और दोनों दलों ने महाराष्ट्र की सत्ता में इस गठबंधन की ताकत के बल पर हिस्सेदारी की। 2019 में लेकिन इस पच्चीस वर्षीय दोस्ती में दरार आ गई और यह पूरी तरह टूट गई। शिवसेना और भाजपा का रिश्ता महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा परिवर्तन लेकर आया। विचारधारा के तल पर घनघोर विपरीत कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस ने शिवसेना के साथ गठबंधन कर सरकार बना डाली और भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व देखता रह गया। तब से ही दोनों दलों और दोनों सरकारों के मध्य तनातनी का, घात-प्रतिघात का खेल चल रहा है। इस खेल में केन्द्रीय जांच एजेंसियों का सहारा लेकर शिवसेना नेताओं को घेरने का आरोप शिवसेना केंद्र सरकार और भाजपा पर लगाती है तो दूसरी तरफ केंद्र सरकार किसी भी प्रकार की प्रतिशोधात्मक कार्यवाही को सिरे से नकार, ‘कानून अपना काम कर रहा है’ का तर्क देती आ रही है। केंद्रीय एजेंसी ‘ईडी’ की कार्यवाही सरकार में शामिल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता अनिल देशमुख की कुर्सी लील चुकी है और प्रदेश के गृह मंत्री रहे देशमुख फिलहाल जेल में हैं। ठीक इसी प्रकार ‘ईडी’ ने राकंपा के ही एक अन्य नेता और सरकार में मंत्री नवाब मलिक पर शिकंजा कस उन्हें जेल भेज डाला है। इतना ही मानो काफी नहीं था कि चुन-चुन कर शिवसेना के नेताओं पर इन एजेंसियों की छापेमारी जारी है। इन्कम टैक्स विभाग द्वारा शिवसेना नेता यशवंत जाधव के घर डाली गई रेड बाद अब जो खबरें आ रही हैं उससे लगता है कि केंद्र सरकार के निशाने पर सीधे शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे आ चुके हैं। इन्कम टैक्स विभाग ने यशवंत जाधव की एक डायरी से कुछ ऐसा तलाश लिया है जिससे ठाकरे की दिक्कतें बढ़ सकती हैं। इस कथित डायरी में दस करोड़ की रकम का जिक्र है जो जाधव ने किसी कार्य कराने के लिए राज्य सरकार के किसी मंत्री को दिए हैं। इसी डायरी में दो करोड़ की रकम ‘मातोश्री’ को दिए जाने का भी जिक्र है। बकौल जाधव ‘मातोश्री’ से उनका तात्पर्य अपनी मां से है लेकिन जांच एजेंसी इसका दूसरा एंगल खंगाल रही है। दरअसल, ‘मातोश्री’ को महाराष्ट्र में ठाकरे परिवार के घर से पहचाना जाता है। यदि इन्कम टैक्स इस बात के प्रमाण जुटा पाया कि यह रकम मां को नहीं बल्कि ठाकरे को दी गई है तो मामला टैक्स चोरी के साथ-साथ मनी लॉडिं्रग का भी बन जाएगा और ‘ईडी’ की जांच के दायरे में आ जाएगा। महाराष्ट्र की राजनीति में इस आशंका चलते भारी अफरा तफरी का माहौल बन चुका है।
अब सीधे ‘मातोश्री’ की घेराबंदी
