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अब मेरठ में आई नई सामाजिक कुरीति , कराई भैंस की तेरहवीं 

समाज में नई नई कुरीतिया शामे आ रही है। अभी तक सामाजिक परिवेश खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में लोगो की मौत के बाद तेरहवी मनाए जाने की कुरीति को वर्षो से झेला जा रहा है।  हालाँकि बुद्धिजीवी वर्ग इसके विरोध में है। इस कुरीति को ख़तम करने के लिए समय समय पर गावों में पंचायते होती रहती है। इसी दौरान मेरठ के एक गांव में नई भेड़चाल शुरू हो गई है।
जहा एक किसान ने अपनी भैंस की मौत के बाद तेरहवी का कार्यक्रम आयोजित किया। जिसमे न केवल ढोल नगाड़ो के साथ भैस की शवयात्रा निकली गयी बल्कि बाद में उसकी तेरहवी भी कराई गयी। इस मौके पर गांव व आसपास के गांव वालों के लिए दावत का कार्यक्रम भी रखा गया। इस पूरे कार्यक्रम का वीडियो भी वायरल हुआ है, जो कि सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
जानकारी के अनुसार मेरठ जिले के बहसूमा क्षेत्र के गांव मौहम्मपुर शकिस्त निवासी किसान सुभाष ने भैंस की मौत होने पर तेरहवीं मनाई। इस दौरान भैंस की फोटो रखकर श्रद्धांजलि दी गई। बहसूमा के गांव मौहम्मदपुर शकिस्त निवासी किसान सुभाष ने बताया कि उनकी 32 साल की भैंस की बीमारी के चलते मौत हो गई। कल उसकी तेरहवीं मनाई गई।

किसान सुभाष ने ढोल नगाड़ों के साथ भैंस का अंतिम संस्कार किया गया था। यही नहीं बल्कि 13 दिन बीत जाने के बाद किसान सुभाष ने उसकी धूमधाम से तेहरवीं मनाई। वहीं भैंस के चित्र पर पुष्प डालकर उसे भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।सुभाष का कहना है कि वह भैंस को परिवार की तरह मानता था। उसकी भैंस उसके यहां 27 बार बच्चे दे चुकी थी

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