कोरोना से पूरी दुनिया के हालात पस्त हैं। कई प्रयासों के बावजूद भी कोरोना महामारी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। एक बार फिर कोरोना ने रफ़्तार पकड़ ली है। भारत कोरोना की तीन लहर झेल चुका है और अब चौथी लहर की भी आशंका जताई जा रही है। फिलहाल अब तक कोरोना के सामने आए मुख्य लक्षणों में सांस लेने में तकलीफ की शिकायतें अधिक रही हैं। लेकिन अब कोरोना इंसान के दिलो-दिमाग पर भी हमला कर रहा है।
कोविड-19 बीमारी प्रमुख रूप से मनुष्य के श्वसन तंत्र पर ही हमला करती है। कोविड-19 फैलाने वाले सार्स सीओवी-2 वायरस मुख्य रूप से निचले श्वसन तंत्र को नुकसान पहुंचाते हैं। इसके चलते मरीजों को सूखी खांसी, सांस लेने में तकलीफ और निमोनिया जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। लेकिन अब नए शोधों में कई संकेत सामने आए हैं कि कोविड-19 से गंभीर रूप से पीड़ित मरीजों के शरीर के दूसरे अंगों को भी कोरोना वायरस ने नुकसान पहुंचाया है। कई मरीजों के हृदय, तंत्रिकाओं, दिमाग, नसों, किडनी और त्वचा पर भी असर हुआ है।
दिल को नुकसान
अमेरिका, इटली और चीन में किए गए कई अध्ययनों से पता चला है कि सीओवी-2 वायरस हृदय को भी नुकसान पहुंचाता है। इस बात का आधार सिर्फ यह नहीं है कि कोविड-19 से होने वाली मौतों में हृदय संबंधित बीमारियों से पीड़ित लोगों की संख्या ज्यादा है बल्कि कई पीड़ित लोगों के शरीर में हृदय की कोशिकाओं के खत्म होने के भी सबूत मिले हैं। कई ऐसे रोगियों की भी जांच की गई जिन्हें पहले से हृदय संबंधित कोई बीमारी नहीं थी। सार्स सीओवी-2 क्या है के असर से इनके शरीर में मायोकार्डिटिस यानी हृदय की मांसपेशियों में सूजन आ गई।
हालांकि ये अभी शोध का विषय है कि हृदय को नुकसान कोरोना के सार्स सीओवी-2 वायरस की वजह से हुआ है या इस वायरस से शरीर को बचाने के लिए सक्रिय हुए प्रतिरक्षा तंत्र के किसी इंफेक्शन की वजह से ऐसा हुआ है। हालांकि सार्स सीओवी-2 से पहले फैल चुके सार्स और मर्स वायरस के प्रकोप के दौरान भी मरीजों के हृदय को नुकसान पहुंचा था। कोविड-19 को फैलाने वाला सार्स सीओवी-2 वायरस सार्स सीओवी और मार्स सीओवी वायरस से बहुत हद तक मिलता जुलता है।
दिमाग पर असर
पहले फैल चुके कोरोना के रोगजनक सार्स और मर्स के दौरान दिमाग को नुकसान हुआ था। जापान में जब कोविड-19 बीमारी के एक मरीज को मिर्गी के दौरे पड़ने लगे तो डॉक्टरों को पता चला कि उसके दिमाग में सूजन आ गई है। यह सार्स सीओवी-2 वायरस की वजह से हुई जो उसके दिमाग तक पहुंच गया था।
चीन और जापान के शोधकर्ताओं ने पता लगाया कि कोविड-19 से श्वसन तंत्र के साथ-साथ दिमाग को भी नुकसान पहुंच रहा है। ये दिमाग की कोशिकाओं को मारना शुरू कर देते हैं। इसी वजह से कोविड-19 के कई मरीज सांस की परेशानी न होने के बावजूद भी सांस लेना बंद कर देते थे जिससे उनकी मौत हो रही थी। इन मरीजों के फेफड़ों में भी कोई संक्रमण नहीं था लेकिन इनके दिमाग ने काम करना बंद कर दिया। हालांकि अभी ये पता नहीं चल सका है कि इस वायरस से दिमाग का स्ट्रोक भी आ सकता है या नहीं।