कर्नाटक के बाद बिहार में भी हिजाब को लेकर विवाद सामने आया है। राज्य के मुजफ्फरपुर जिले के महंत दर्शन दास महिला कॉलेज की एक छात्रा ने 16 अक्टूबर को आरोप लगाया कि कॉलेज में परीक्षा के दौरान पुरुष शिक्षक ने उस पर आपत्तिजनक टिप्पणी की,क्योंकि उसने इम्तिहान के दौरान हिजाब हटाने से इनकार कर दिया था। इस दौरान छात्रा ने यह भी आरोप लगाया कि शिक्षक ने उसे राष्ट्र विरोधी कहा और उसे पाकिस्तान जाने के लिए भी कहा था।
दरअसल यह घटना महंत दर्शन दास महिला कॉलेज में हुई जो शहर के मिठनपुरा इलाके में स्थित है, जहां इंटरमीडिएट के विद्यार्थी ‘जांच परीक्षा’ के लिए आए थे। जो विद्यार्थी इस में सफल होते हैं,वे ही अंतिम इम्तिहान में बैठने के योग्य होते हैं। इसी दौरान यह मामला सामने आया था जिसके बाद कॉलेज छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया। छात्रों ने कहा है कि ‘हम कक्षा में थे और परीक्षा लिख रहे थे जब शिक्षक ने यह कहते हुए हिजाब उतारने को कहा कि हमने ब्लूटूथ डिवाइस पहना होगा। वहीं कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ कनू प्रिया का कहना है कि छात्रा को हिजाब पहनने से नहीं रोका गया था। उसे केवल अपने कान दिखाने के लिए बोला गया था, क्योंकि परीक्षा के चलते आशंका थी कि उसके पास ब्लूटूथ डिवाइस हो सकता है। इसके अलावा प्रिंसिपल ने यह भी कहा कि ‘हिजाब कोई मसला नहीं था। कई विद्यार्थी मोबाइल फोन लेकर आए थे, जो नियमों के खिलाफ था। यह लड़की उन विद्यार्थियों में थी, जिनसे परीक्षा हॉल के बाहर अपने मोबाइल रखकर आने को कहा गया था।’ इस दौरान प्रिंसिपल ने यह भी आरोप लगाया कि ‘अगर लड़की को इससे कोई परेशानी थी तो वह परीक्षा नियंत्रक या मुझे सूचित कर सकती थी। लेकिन उसके इरादे कुछ और थे। उसने स्थानीय थाने और कुछ स्थानीय असामाजिक तत्वों को फोन कर दिया। ऐसा प्रतीत होता है कि उन्हें वह जानती थी। वे पहुंचे तो लड़की ने हंगामा किया।
Muzaffarpur, Bihar | We were in the classroom & were writing the exam when the teacher asked to take off the hijab saying that we might be wearing a bluetooth device. On not taking off hijab the teacher asked us to leave, say students pic.twitter.com/E6zFFeW7pC
— ANI (@ANI) October 16, 2022
हैरान करने वाली बात तो यह है कि 11वीं क्लास की एक लड़की इस तरह का बर्ताव करेगी। ऐसा लगता है कि किसी ने उन्हें धर्म और हिजाब के नाम पर गुमराह किया है। स्कूल परिसर में धर्म या जाति के आधार पर कोई भेदभाव नहीं है। कॉलेज की प्रिंसिपल ने यह भी दावा किया कि रिकॉर्ड से पता चलता है कि लड़की की उपस्थिति बहुत खराब रही है। डॉ. प्रिया ने कहा कि शिक्षा विभाग ने पहले ही निर्देश जारी किया है कि 75 प्रतिशत से कम उपस्थिति वाले किसी भी विद्यार्थी को अंतिम परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी। लड़की ने शायद इस वजह से यह आरोप लगाया है कि इससे कॉलेज प्रशासन को धमकाया जा सकता है और वह उनके मामले पर नरम रुख अख्तियार कर लेगा।
She said that she won't write the exams but won't show her ears. Then she started raising this issue on the basis of religion: College Principal pic.twitter.com/8ftOcM6VAi
— ANI (@ANI) October 16, 2022
इस पर स्थानीय मिठनपुरा थाने के थाना प्रभारी श्रीकांत सिन्हा का कहना है कि ‘हमारे द्वारा दोनों पक्षों से पूछताछ की गई है और परीक्षा शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई। फिलहाल, मामला दर्ज करने या इलाके में अतिरिक्त बलों की तैनाती की जरूरत नहीं है,लेकिन हम स्थिति पर नजर रखेंगे।’
गौरतलब है कि इससे पहले कर्नाटक में शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनना एक बड़ा मुद्दा बना था। जो उच्चतम न्यायालय तक पहुंच गया है। न्यायालय ने 13 अक्टूबर को कर्नाटक के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर फैसला सुनाया था लेकिन न्यायालय की दो जजों की बेंच ने अलग-अलग फैसला दिया।जिसके चलते मामले को बड़ी बेंच के पास भेज दिया गया है। जिस पर फैसला आना अभी बाकी है।