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पंजाब कांग्रेस में अब सुनील जाखड़ ने छोड़ा ‘ लेटर बम ‘

पंजाब में कांग्रेस की आंतरिक कलह खत्म करने के लिए हाईकमान ने सुनील जाखड़ को प्रदेश मुखिया के पद से हटाकर नवजोत सिंह सिद्धू को अध्यक्ष बना दिया। इसके बाद प्रदेश के पूर्व प्रमुख सुनील जाखड़ के सुर बदले बदले से हैं। एक वीडियो में वह कहते नजर आ रहे हैं कि ‘कांग्रेस पार्टी में पुरानी परंपरा है कि अगर कोई नाराज हो जाता है, उसे मनाने उसके घर पहुंच जाओ। लेकिन लोग आज इस बात को भूल रहे हैं कि पंजाब में पार्टी को इस पोजीशन तक कौन लाया। आप लोग सुनील जाखड़ को भूल गए।’ इसके अलावा एक अन्य बयान में सुनील जाखड़ ने कहा कि ‘कांग्रेस पार्टी के लिए पुर्नउद्धार का रास्ता पंजाब से होकर जाता है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी को पंजाब को किसी भी तरह कम करके नहीं आंकना चाहिए।’
जाखड का यह बयान हो सकता है उनकी अंदर की पीड़ा हो। लेकिन कुछ लोग कहते नजर आ रहे हैं कि सुनील जाखड़ अध्यक्ष पद जाने के बाद पार्टी को अपनी अहमियत का अंदाजा करा रहे हैं। सुनील जाखड़ इसके बहाने प्रदेश में खेल मंत्री राणा सोढी को भी निशाने पर लिए हुए हैं। फिलहाल, सोढी के खिलाफ सुनील जाखड़ ने मोर्चा खोल दिया है।
जिसमें उन्होंने सोढ़ी की शराब की फैक्ट्री मामले में सवाल उठा दिए हैं। सुनील जाखड़ ने इन सवालों को पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के समक्ष एक पत्र के जरिए भेजा है । इसके अलावा उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को भी इस पत्र की प्रति भेजी है। पंजाब की राजनीति में कैप्टन और सिद्धू प्रकरण खत्म होने के बाद अब पूर्व प्रदेश प्रमुख सुनील जाखड़ का पत्र प्रकरण चर्चाओं में है। कुछ लोग उल्टा उन पर ही सवाल निशान साध रहे हैं कि जब वह प्रदेश अध्यक्ष थे तब वह कैबिनेट मंत्री राणा सोढा की शराब फैक्ट्री पर चुप्पी क्यों साधे हुए थे ? आखिर अध्यक्ष पद जाने के बाद ही उन्हें पंजाब के खेल मंत्री राणा सोढ़ी की शराब की फैक्ट्री क्यों याद आई ?
पंजाब की राजनीति में सुनील जाखड़ को समझने के लिए थोड़ा अतीत में जाना पड़ेगा सुनील जाखड़ मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खास सिपहसालारो में से एक है। जब तक सुनील जाखड़ पार्टी के प्रदेश मुखिया रहे तब तक कैप्टन अमरिंदर सिंह सेफ गेम खेलते रहे। शायद यही वजह थी कि कैप्टन अमरिंदर सिंह सुनील जाखड़ को ही प्रदेश मुखिया बने रहना देखना चाहते थे । लेकिन सुनील जाखड़ के हटने के बाद जबसे नवजोत सिंह सिद्धू प्रदेश अध्यक्ष बने हैं तब से कैप्टन अपने आप को असहज महसूस करने लगे हैं।
 हालांकि अभी ऐसी कोई बात सामने नहीं आई है जिससे यह दावा किया जा सके कि कैप्टन और सिद्धू की राजनीति पिच पर फिल्डिंग अच्छी नहीं हो रही। मध्य प्रदेश के पूर्व गवर्नर रहे बलराम जाखड़ के पुत्र सुनील जाखड़ जब-जब प्रदेश अध्यक्ष बने तब – तब उनके लिए कोई नया अध्यक्ष बनकर तैयार हो गया। पहले जब वह अध्यक्ष बने तो प्रताप सिंह बाजवा आ गए। प्रताप सिंह बाजवा के बाद एक बार फिर से प्रदेश कांग्रेस की कमान सुनील जाखड़ को मिली। लेकिन अब नवजोत सिंह सिद्धू के सर पर यह ताज बंध गया।
 फिलहाल, सुनील जाखड़ अपने आप को पंजाब राजनीति में हाशिए पर समझने लगे हैं।  शायद यही वजह है कि उन्होंने अपना वजूद दिखाने के लिए खेल मंत्री राणा सोढी की शराब फेक्ट्री का मसला उठा दिया है। यहां यह बताना भी जरूरी है कि राणा सोढ़ी को शराब की फैक्ट्री अलॉट करने के पीछे कांग्रेस सरकार नहीं है बल्कि वह यह अलॉट पूर्व की सरकार के द्वारा किया गया था।
 सोढ़ी के लिए यह अलॉट पूर्ववर्ती भाजपा और अकाली दल सरकार ने किया था। उस दौरान सुनील जाखड़ सहित पार्टी के नेताओं ने इस मामले पर  रहस्यमय चुप्पी साधे रखी थी। लेकिन अब अपनी ही सरकार में अपने ही पार्टी के मंत्री को शराब फैक्ट्री के मुद्दे पर जाखड़ न केवल घेर रहे हैं बल्कि वह उनका कैबिनेट मंत्री से इस्तीफे की मांग भी कर रहे हैं। देखना यह होगा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री और कांग्रेस हाईकमान उनके इस पत्र पर कितनी गंभीरता दिखाता है।

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