गांधी परिवार में राजनीति का एक और अध्याय शुरू होने जा रहा है। गांधी परिवार के दामाद यानी कि रॉबर्ट वाड्रा अब पॉलिटिक्स में प्रवेश कर रहे हैं। यह खुद रॉबर्ट वाड्रा ने कहा है। राजस्थान के जयपुर में गणेश मंदिर से पूजा अर्चना करने के बाद रॉबर्ट वाड्रा ने राजनीति में एंट्री करने की घोषणा करके राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ा दी है।
स्वाभाविक है कि इससे फिर एक बार भाजपा को गांधी परिवार के खिलाफ मुद्दा मिल जाएगा। जब – जब रॉबर्ट वाड्रा की पत्नी और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुत्री प्रियंका गांधी राजनीति में सक्रिय होती है और विपक्षी दलों पर वार करती है तब – तब भाजपा रॉबर्ट वाड्रा का मुद्दा उठाकर गांधी परिवार को घेरने की कोशिश करती है ।
रॉबर्ट वाड्रा पर घपला – घोटाला करने के आरोप है। इसी के साथ ही उन पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने की भी बातें सामने आती रही है। इसके चलते ईडी रॉबर्ट वाड्रा की जांच कर रही है।
गौरतलब है कि पूर्व में रॉबर्ट वाड्रा राजनीति से दूरी बना कर चलते रहे हैं । उन्होंने अपने बिजनेस को प्राथमिकता पर रखा है । लेकिन उनके ताजा बयानों को देखें तो लगता है कि वह अब बिजनेस से पहले पॉलिटिक्स को प्राथमिकता दे सकते हैं ।
कल उन्होंने जयपुर में यह कहकर सबको चौंका दिया कि जनता की पुकार है कि मैं भी राजनीति में कोई जिम्मेदारी लू। साथ ही उन्होंने कहा कि राजनीति में आने को वह तैयार है । पिछले दिनों से वह इसके चलते ही नियमित रूप से मुद्दे उठा रहे हैं।
साथ ही वह यह भी कहते हैं कि वह अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से मुक्ति का इंतजार कर रहे हैं। उन पर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं। उन्होंने दावा किया है कि जांच एजेंसियों को उन्होंने सभी जरूरी कागजात उपलब्ध करा दिए हैं। पहले वह इन आरोपों से बाहर आ जाए। उसके बाद उनका राजनीति में प्रवेश करना तय है। गांधी परिवार से संबंधों पर वह यह भी कह रहे हैं कि 25 साल से गांधी परिवार से जुड़े है जिसका उन्हें राजनीतिक लाभ मिलेगा।
याद रहे कि पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने लगभग सभी भाषणों में रॉबर्ट वाड्रा का जिक्र “दामाद जी” कहकर किया करते थे और कांग्रेस परिवार पर उन्हें फायदा पहुंचाने और दामाद के जरिए भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाते थे। छत्तीसगढ़ में एक रैली के दौरान मोदी ने दामाद जी का जिक्र करते हुए कहा था “यह मां बेटे का जादू देखो जो एक लाख को 300 करोड़ कर देते हैं”। हालांकि गांधी परिवार इन आरोपों को खारिज करता रहा है।
इसके साथ ही आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल भी रॉबर्ट वाड्रा पर जमकर प्रहार कर चुके हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रॉबर्ट वाड्रा पर आरोप लगाते हुए कहा था कि उन्होंने दिल्ली और आसपास में कई नामी – बेनामी जमीन जायदाद खरीदी और जिसके लिए रियल एस्टेट कंपनी डीएलएफ की ओर से दो नंबर का पैसा दिया गया था । रॉबर्ट वाड्रा को गैर जमानती ब्याज मुक्त कर्ज दिए । हालांकि वाड्रा और डीएलएफ दोनों ने ही इन आरोपों से इनकार किया था ।
फिलहाल वाड्रा के खिलाफ मामलों की जांच चल रही है। वाड्रा पर आरोप लगते रहे हैं कि वह गांधी परिवार के नाम का गलत इस्तेमाल करते रहे हैं ।
पूर्व आईएएस अफसर अशोक खेमका को रॉबर्ट वाड्रा के जमीन विवाद मामले में व्हिसिल ब्लोवर कहा जाता है। जिसके चलते अशोक खेमका का सरकारों के खिलाफ आवाज उठाने का खामियाजा 23 सालों में 45 बार तबादला के रूप में सामने आ चुका है।
आईएएस अशोक खेमका कई बार आरोप लगा चुके हैं कि कांग्रेस सरकार ने उन पर इसलिए निशाना साधा और परेशान किया क्योंकि उन्होंने राबर्ट वाड्रा और डीएलएफ के बीच समझौते को रद्द कर दिया था।
रॉबर्ट वाड्रा उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद शहर के निवासी है। यह शहर पीतल उद्योग के लिए प्रसिद्ध है। वाड्रा के पिता राजेंद्र वाड्रा पीतल व्यवसाई थे और उनकी मां स्कॉटलैंड की निवासी थी ।
बताया जाता है कि रॉबर्ट वाड्रा और प्रियंका गांधी की मुलाकात 1991 में दिल्ली में एक कॉमन फ्रेंड के घर पर हुई थी। यह मुलाकात बाद में दोनों की नजदीकियों में बदल गई । इसके बाद 18 फरवरी 1997 को रॉबर्ट वाड्रा और प्रियंका गांधी ने शादी कर ली थी। दोनों के दो बच्चे है।