महाराष्ट्र में लगातार बदलते सियासी घटनाक्रम के बीच एक बड़ी खबर आ रही है । सूत्रों के हवाले से खबर है कि राज्य में शिवसेना , एनसीपी और कांग्रेस के बीच गठबंधन सरकार के लिए फॉर्मूला तैयार कर लिया गया है ।बताया जा रहा है तीनों ही पार्टियों के बीच लगभग सभी मुद्दों पर चर्चा हो चुकी है । लेकिन कुछ विषय है जिनपर चर्चा होना बाकि है। जिनमें धर्मनिरपेक्षता और कॉमन मिनिमम प्रोग्राम भी है ।
खबर है कि शिवेसना और एनसीपी राज्य में 50-50 के फॉर्मूले के तहत काम करेगी । यानि शिवसेना एनसीपी के साथ उसी फॉर्मूले के तहत आगे बढ़ेगी जिसके पूरा ना होने पर उसने बीजेपी का दाम छोड़ा था । यानि राज्य में ढाई साल शिवसेना का सीएम रहेगा और ढाई साल एनसीपी का सीएम रहेगा । इस फॉर्मूले के तहत कांग्रेस पार्टी भी शिवसेना एनसीपी गठबंधन की सरकार में शामिल रहेगी ।
जैसा कि पहले कयास लगाए जा रहे थे कि कांग्रेस शिवसेना की सरकार से दूरी बनाकर बाहर से समर्थन देगी, वैसा कुछ भी नहीं है ।
सूत्रों के हवाले से कांग्रेस को लेकर यह खबर आ रही है कि एनसीपी और शिवसेना का सीएम अगर ढाई ढाई साल के लिए होगा तो कांग्रेस का डिप्टी सीएम पूरे पांच साल के लिए होगा । लेकिन अभी तक तीनों पार्टियों के बीच स्पीकर पोस्ट को लेकर कोई फैसला नहीं हो सका है, इसीलिए पेंच वहीं फंसा है । हालाकि स्पीकर पर कांग्रेस अडी हुई है।
ऐसा बताया जा रहा है कि अगले 8-10 में इसे लेकर भी फैसला हो सकता है और गठबंधन सरकार का आधिकारिक ऐलान अगले कुछ दिनों में होने की संभावना है ।
गौरतलब है कि मंगलवार को महाराष्ट्र में पल पल बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के बीच राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने केंद्र के पास राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश भेज दी थी । राज्यपाल ने राष्ट्रपति से संविधान की धारा 356 के तहत राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफ़ारिश की थी । राज्यपाल ने मौजूदा राजनीतिक संकट के मद्देनज़र मौजूदा सरकार आगे नहीं चल पाने की रिपोर्ट केंद्र को भेजी थी । जिसके कुछ देर बाद महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन को लेकर केंद्रीय कैबिनेट की अहम बैठक हुई । जिसमें मोदी कैबिनेट ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की गवर्नर की सिफारिश को राष्ट्रपति के पास भेज दिया है । शाम को राष्ट्रपति ने गवर्नर की सिफारिश पर हस्ताक्षर कर दिए थे।