जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी ने एमफिल की स्कॉलर सफूरा जरगर का दाखिला रद्द करने के बाद अब उनके यूनिवर्सिटी में दाखिल होने पर भी रोक लगा दी है।इसके लिए नोटिस जारी किया गया है।
दरअसल,जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी का आरोप है कि, सफूरा जरगर यूनिवर्सिटी का माहौल खराब कर रही है। इसके अलावा यूनिवर्सिटी के मासूम छात्रों को भड़का और भटका रही है। यूनिवर्सिटी ने उन छात्रों को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया है, जो सफूरा जरगर के पक्ष में प्रदर्शन कर रहे थे। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने अपने नोटिस में कहा है कि, सफूरा जरगर वर्ष 2020 में सीएए-एनआरसी के विरोध में दिल्ली में हुए दंगों की आरोपी है। वह दंगों की शुरुआत करने वाले साजिशकर्ताओं में से एक है। सफूरा जामिया की पूर्व छात्रा है, जिसे दोबारा एडमिशन नहीं दिया गया है। अब वो जामिया की छात्रा नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा है कि,पिछले कुछ महीनों से ये देखा गया है कि, वह यूनिवर्सिटी में बेफिजूल के मुद्दों पर प्रदर्शन करवाती है। वह यूनिवर्सिटी के मासूम छात्रों को भड़का और भटका रही है। छात्रों का इस्तेमाल अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए कर रही हैं और यूनिवर्सिटी कैंपस का माहौल खराब कर रही है। इसलिए उन पर कैंपस में घुसने पर बैन लगाया जाता है।
पिछले 26 अगस्त को जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी ने स्कॉलर सफूरा जरगर का एडमिशन कैंसिल कर दिया गया था। तब सफूरा ने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी थी। जामिया के डीन ऑफिस ने 26 अगस्त को नोटिस जारी कर उन्हें जानकारी दी कि, उनका एडमिशन रद्द कर दिया गया है। सफूरा जामिया से एमफिल की स्कॉलर थी। यूनिवर्सिटी प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए वह इसका लगातार विरोध कर रही है। दिल्ली दंगों के मामले में यूएपीए एक्ट नहीं लगाया गया है।
गौरतलब है कि सफूरा पर दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने दिल्ली दंगों के मामले में यूएपीए एक्ट लगाया था। दंगों की चार्जशीट में स्पेशल सेल ने सफूरा के कई चैट्स के जरिए भी खुलासा किया था कि वह सीएए-एनआरसी के दौरान दंगों को भड़काने की साजिश में शामिल थीं। जिन्हें बाद में जमानत दी गई थी।