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अब गुवाहाटी में रोबोट करेगा सीवर मैनहोल की साफ-साफाई

असम के गुवाहाटी में मैनुअली साफ सफाई के लिए एक नायाब तरीका निकाला गया है। जिससे हर जगह तारीफ हो रही है। क्योंकि मैनुअली साफ सफाई के लिए किसी व्यक्ति की नहीं बल्कि रोबोट को रखा गया है।

 मैनहोल सफाई रोबोट का उद्घाटन विकास विभाग मंत्री (GDD) सिद्धार्थ भट्टाचार्य ने किया। इस रोबोट का नाम ‘बैंडिकूट’ है। इस रोबोट को इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन से गुवाहाटी नगर निगम (GMC) ने खरीदा है। जिसमें जेबीसी से छह स्किड स्टीयर लोडर (मिनी लोडर), केस और बॉबकट कंपनियों से छह बैकहो लोडर शामिल हैं।

 मंत्री सिद्धार्थ भट्टाचार्य ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया, “हमने भूमिगत नालियों से कीचड़ को निकालने के लिए रोबोट तकनीक की शुरुआत की है। यह हमें इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन द्वारा दिया गया है।”

 बता दें कि बैंडिकूट नामक रोबोट दुनिया में अपनी तरह का पहला उत्पाद है। जिसे मेक इन इंडिया के तहत जेनरोबॉटिक्स नामक एक स्टार्ट-अप इंडिया कंपनी द्वारा विकसित किया गया था। जिसे इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL) के सीएसआर द्वारा वित्त पोषित किया गया था।

 गौरतलब है कि सबसे पहले गुरुग्राम में मैनहोलों को साफ करने के लिए इस तकनीक को लाया गया था। फिर कोयंबटूर और अब  गुवाहाटी पूरे देश में तीसरा शहर है। जहां इस नई तकनीक को खरीदा गया है।

 गुरुग्राम में मार्च 2019 में सफाई रोबोट को पहली बार देश में लाया गया था। इस कार्य के पायलेट प्रोजेक्ट का शुभारंभ मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने स्थानीय लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह से किया था। वह सफाई रोबोट केरल के युवा इंजीनियरों द्वारा तैयार किया गया था। उन युवा इंजीनियरों द्वारा स्थापित कंपनी का नाम ‘जेनरोबॉटिक्स’ है। रोबोट के नवीनतम वर्जन का इस्तेमाल करने वाला गुरुग्राम भारत का पहला नगर निगम है।

 मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उस वक्त बैंडिकूट 2.0 नामक इस रोबोट की कार्यप्रणाली को देखते हुए कहा था कि सीवर मैनहोल की सफाई करने के लिए यह एक अच्छा माध्यम है। बता दें इसके पुराने वर्जन का केरल और तमिलनाडु के कुछ नगर निकायों में भी परीक्षण किया जा चुका है। यही नहीं भारत सरकार, गूगल, इजरायल और यूके के संगठनों द्वारा उन्हें सम्मानित भी किया जा चुका है।

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