प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गंभीर मामलों में समन जारी करने के लिए एक मजबूत तंत्र विकसित किया है। इसके तहत अब समन इलेक्ट्रॉनिक तरीके से जनरेट होंगे। समन में एक क्यूआर कोड होगा, जिसे प्राप्त समन की वास्तविकता को सत्यापित करने के लिए स्कैन किया जा सकता है। स्कैन किए जाने पर क्यूआर कोड उन्हें ईडी के पोर्टल पर ले जाता है, जहां समन में पासकोड दर्ज करके समन का विवरण देखा जा सकता है।
जालसाजों के खिलाफ सख्त कार्रवाई
ED ने हाल ही में एक अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो फर्जी समन/नोटिस तैयार कर रहा था और हाई-प्रोफाइल व्यक्तियों और व्यापारियों को धमकी दे रहा था। गिरोह ने निप्पॉन पेंट्स के अध्यक्ष और निदेशक को जाली समन जारी किया, उन्हें दिल्ली ईडी कार्यालय में उपस्थित होने और पीएमएलए के तहत कार्यवाही में भाग लेने का निर्देश दिया।
ED has evolved a fool-proof mechanism for issuance of summons for the recording of statements under PMLA as well as FEMA. The Summons approved by the competent authority are generated electronically and can be authenticated by a unique QR code mentioned on the summons: ED pic.twitter.com/ebfwVB5qW4
— ANI (@ANI) November 23, 2022
धोखाधड़ी की आशंका लगते ही कंपनी ने ईडी को इसकी जानकारी दी। जैसे ही कंपनी के मालिक को धोखाधड़ी का संदेह हुआ, उसने मामले को ईडी के संज्ञान में लाया, जिसने गिरोह से संपर्क किया और उन्हें बातचीत के लिए दिल्ली आने को कहा। कुछ हिचकिचाहट के बाद गिरोह के सदस्य शांत हो गए और ईडी और दिल्ली पुलिस की एक टीम ने उन्हें सरगना अखिलेश मिश्रा सहित गिरफ्तार कर लिया। विज्ञप्ति में कहा गया है कि गिरफ्तार किए गए अन्य लोगों में मुंबई के दर्शन हरीश जोशी और भारत सरकार के स्टिकर वाली कार में ईडी अधिकारी के रूप में आए देवेंद्र दुबे शामिल हैं।