पश्चिम बंगाल की दुर्गा पूजा समितियों को आयकर विभाग द्वारा गत सोमवार को नोटिस भेजे जाने पर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी द्वारा भाजपा सरकार की कड़ी आलोचना की गयी । उन्होंने कहा की पूजा समितियों को आयकर के दायरे में नहीं रखना चाहिए। ममता ने कहा, ‘‘पूजा समितियों को इनकम टैक्स के दायरे में लाने का फैसला सही नहीं है, मैं इसकी निंदा करती हूं। मुझे यह बताते हुए दुख हो रहा है कि प्रताड़ित करने का यह उनका दूसरा तरीका है। चुनाव के दौरान वे (भाजपा) हिंदू धर्म की बात करने के साथ दुर्गा पूजा समितियों से टैक्स वसूलने लगते हैं। दुर्गा पूजा हिंदूओं का बड़ा त्योहार है। बनर्जी ने कहा कि दुर्गा पूजा एक सामाजिक समारोह है, न कि एक वाणिज्यिक, जबकि सरकार के कुछ सामाजिक दायित्व भी हैं ’बता दे ,पिछले हफ्ते भी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने दुर्गा पूजा समितियों को रिटर्न भरने के लिए नोटिस जारी किया था। डिपार्टमेंट ने समितियों से आय-व्यय का ब्योरा मांगा था।इसी बीच भाजपा ने दावा किया है कि वे (ममता) डरी हुई हैं, क्योंकि यह पैसा समितियों के माध्यम से चिटफंड कंपनियों से लिया जा रहा है। इन समितियों को तृणमूल के नेता ही चला रहे हैं। इन समितियों से खर्च का ब्योरा मांगना गलत नहीं है।’ बीजेपी ने इस मुद्दे पर जमकर विरोध करते हुए तुष्टीकरण का आरोप लगाया था। बीजेपी नेताओं का कहना था कि एक खास समाज के कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए ममता सरकार के पास फंड की कमी नहीं होती है। लेकिन हिंदू धर्म की सामान्य पूजा पद्धति में वो अड़चन लगाने का काम करती है। सरकार के इस तरह के कदमों से सामाजिक सद्भाव पर असर पड़ता है।
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